naidu

नायडु ने कहा, दल बदल विरोधी कानून की खामियों को दूर करना चाहिए

“इस्तीफा दिए बिना दल-बदल करने वाले निर्वाचित प्रतिनिधियों (elected representatives) को ऐसा करने से रोकने के लिए दल-बदल विरोधी कानून (anti-defection law) की खामियों को दूर करना चाहिए।”

यह बात उपराष्ट्रपति (Vice President ) एम. वेंकैया नायडू (M Venkaiah Naidu ) ने नई दिल्ली के उपराष्ट्रपति भवन में 12 फरवरी, 2020 को इंडियन सोशल रिसपोंबिलिटी नेटवर्क (आईएसआरएन) द्वारा संकलित पुस्तक ‘द विज़न ऑफ अंत्योदय’ (‘The Vision of Antyodaya) पुस्तक का लोकार्पण के अवसर पर कही।

उन्होंने सभी राजनीतिक दलों (political parties) से अपने सदस्यों को अनुशासित बनाने और ऐसी प्रवृत्तियों पर नियंत्रण सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि लोगों को नीति मतभेद के कारण दल-बदलने का विकल्प है लेकिन व्यक्तिगत लाभों के लिए नहीं।

वेंकैया नायडू (Venkaiah Naidu ) ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता का निर्णय सर्वोच्च है और दुर्भाग्य की बात है कि कुछ लोगों ने जनादेश के प्रति असहिष्णु भाव विकसित कर लिए है।

उन्होंने संसद तथा राज्य विधानपालिकाओं में कामकाज में अवरोध पैदा करने और प्रक्रियाओं के उल्लंघन पर चिंता व्यक्त की।

नायडू (Naidu ) ने कहा है कि अल्पकालिक अवधि की माफियों और मुफ्त उपहार देने की तुलना में गरीबी मिटाने के दीर्घकालिक नीति, समाधान ढूंढे जाने चाहिए।

उन्होंने कहा कि सरकार और नीति-निर्माताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि समाज के सबसे अधिक पात्र वर्ग को सभी कार्यक्रमों का लाभ मिले।