नई दिल्ली, 9 मार्च। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ताज़ा कश्मीर यात्रा का फीडबैक भाजपा को उत्साहजनक लग रहा है। आतंरिक सूत्रों का कहना है कि उच्चस्तरीय नेतृत्व इसका लाभ उठाना चाहता है क्योंकि स्थानीय स्तर के कार्यकर्त्ता भी लोकसभा के साथ ही जम्मू कश्मीर विधानसभा के चुनाव कराने के पक्ष में हैं।
कश्मीर की राजनीति की समझ रखने वालों का कहना है क़ि भाजपा ने धारा 370 हटाने के बाद राज्य में अपना विस्तार किया है और कश्मीरी समाज में भाजपा की स्वीकार्यता बढ़ी है। दूसरी और यहाँ के लोग अशांति से बेदम हो चुके हैं और आर्थिक तथा सामाजिक विकास चाहते हैं। कश्मीर की युवापीढ़ी पुराने नेताओं की चोंचलेबाजी से तंग आ चुकी है ।
दूसरी ओर अभी चुनाव का रोड मैप तैयार नहीं हुआ है। नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी में भी बात नहीं बन रही है। यह भी बीजेपी के लिए उत्साहजनक है।
मीडिया में आई श्रीनगर की खबरों के अनुसार नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव से पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ सीट बंटवारे के समझौते पर सहमत नहीं होंगे।
देखाजाए तो यह निर्णय विपक्षी इंडिया गुट के लिए एक झटका है।अब्दुल्ला की टिप्पणियाँ दो क्षेत्रीय दलों के बीच दरार का एक स्पष्ट संकेत है। लेकिन एक मज़ेदार बात यह भी है कि अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन के दरवाजे खुले रखने की इच्छा भी व्यक्त की।
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती का कहना है कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव अपने दम पर लड़ने की योजना बना रही है। पीडीपी जम्मू-कश्मीर की पांच सीटों और लद्दाख की एक सीट के लिए उम्मीदवार तय करेगी।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती का कहना है कि कश्मीर में सभी तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा अकेले चुनाव लड़ने की बात करना ठीक नहीं है। उन्होंने इसके लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस की आलोचना की।
मुफ्ती ने स्पष्ट किया कि पीडीपी इंडिया ब्लॉक का हिस्सा बनी हुई है और कांग्रेस के साथ भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा करेगी।
Image : PM pays obeisance to Shankaracharya Hill during his visit to Jammu & Kashmir on March 07, 2024
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