रियो डी जनेरियो, 18 अगस्त | विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) द्वारा खेल पंचाट न्यायालय (सीएएस) में भारतीय पहलवान नरसिंह पंचम यादव के खिलाफ की गई अपील की सुनवाई पर फैसला गुरुवार को आना है। सुनवाई गुरुवार को भारतीय समयानुसार रात साढ़े नौ बजे होगी।
इसके बाद ही नरसिंह के ओलम्पिक में मुकाबला करने पर संशय खत्म हो पाएगा।
सीएएस में सुनवाई के लिए भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) ने वकील किया है जो नरसिंह के पक्ष को अदालत के सामने रखेगा। नरसिंह पर सुनवाई अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) के रियो स्थित अस्थाई कार्यालय में गुरुवार को भारतीय समयानुसार रात साढ़े नौ बजे होगी। सुनवाई के दौरान नरसिंह मौजूद नहीं रहेंगे।
भारतीय ओलम्पिक दल के अध्यक्ष राकेश गुप्ता के मुताबिक नरसिंह ओलम्पिक पार्क के कुश्ती मैदान पर गुरुवार को वजन माप के सत्र में हिस्सा लेंगे।
गुप्ता ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) द्वारा नरसिंह को निर्दोष साबित किए जाने के फैसले के खिलाफ वाडा ने काफी देर से अपील की है।”
गुप्ता ने कहा, “नरसिंह यहां नाडा से आरोपमुक्त होने और आईओसी एवं युनाइटेड विश्व कुश्ती (यूडब्ल्यूडब्ल्यू)की अनुमति मिलने के बाद ही यहां आए हैं। हमने इसके बाद रियो की आयोजन समिति से हरी झंडी मिलने के बाद नरसिंह की प्रविष्टि दाखिल की थी। लेकिन, अब हमें सीएएस के फैसले का इंतजार करना पड़ रहा है।”
मंगलवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष ब्रजभूषण सिंह ने आईएएनएस से बातचीत में कहा था कि सीएएस वाडा का पक्ष सुनेगा और इस मामले में भारत की अवस्थिति का भी संज्ञान लेगा।
उन्होंने कहा था, “हमारे वकील ने वाडा के पत्र को पढ़ लिया है। हम उनके सामने नरसिंह का बचाव मजबूती के साथ करेंगे। उनके निर्दोष साबित होने की काफी संभवना है।”
बीते वर्ष विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतकर नरसिंह ने ओलम्पिक के लिए क्वालिफाई किया था। हालांकि, रियो ओलम्पिक शुरू होने से ठीक पहले 25 जून को भारत की राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) की जांच में वह प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन के दोषी पाए गए थे और उन पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया था।
नाडा ने एक अगस्त को उन्हें यह कहकर प्रतिबंध मुक्त कर दिया कि वह अपने एक प्रतिद्वंद्वी के साजिश का शिकार हुए थे।
इससे पहले नरसिंह को रियो जाने के लिए अपने साथी और दो बार के ओलम्पिक पदक विजेता सुशील कुमार से कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी थी।
डब्ल्यूएफआई ने सुशील के ऊपर नरसिंह को तरजीह दी थी जिसके बाद यह मामला अदालत तक पहुंच गया था।
सुशील चोट के कारण ओलम्पिक क्वालीफिकेशन राउंड में हिस्सा नहीं ले पाए थे और नरसिंह ने भारत को ओलम्पिक कोटा दिलाया था। डब्ल्यूएफआई से लगातार ट्रायल की गुहार लगाने के बाद सुशील ने अदालत का सहारा लिया था।
लेकिन, दिल्ली उच्च न्यायालय ने छह जून को सुशील की अपील खारिज कर नरसिंह की राह साफ कर दी थी। –आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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