प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर केरल में बाढ़ की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए वहां सहायता जारी रखने के संबंध में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की एक बैठक गुरूवार को नई दिल्ली में बुलाई गई।
अब तक 2,182 लोगों को बचाया गया और एनडीआरएफ, सेना तथा नौ सेना द्वारा की जाने वाली त्वरित कार्रवाई के जरिए 968 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
इस बैठक की अध्यक्षता कैबिनेट सचिव पी.के. सिन्हा ने की। बैठक में रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, जल संसाधन मंत्रालय के सचिव, सेना, नौसेना, वायु सेना, तट रक्षक, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के प्रमुख, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य, केंद्रीय जल आयोग के अध्यक्ष और अन्य आला अधिकारी उपस्थित थे।
कैबिनेट सचिव ने हालात, तैयारी, बचाव और राहत कार्यों का जायजा लिया तथा इस संकट का सामना करने के लिए केरल को तुरंत और मदद पहुंचाने का निर्देश दिया।
एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि केंद्र सरकार केरल को पूरी सहायता दे रही है और राज्य में बड़े पैमाने पर राहत और बचाव कार्य चला रही है।
एनसीएमसी बैठक में कैबिनेट सचिव ने तीनों सेनाओं सहित तटरक्षक, एनडीआरएफ और अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को तैनात कराया है।
उन्होंने निर्देश जारी किया कि राज्य में पीने का पानी, डिब्बा बंद भोजन और दूध का पाउडर जैसी राहत सामग्री फौरन पहुंचाई जाए।
कैबिनेट सचिव ने मुल्लापेरियार बांध के उचित रख-रखाव के बारे में एक समिति गठित की है, जिसका अध्यक्ष केंद्रीय जल आयोग के प्रमुख को बनाया गया है। समिति में तमिलनाडु और केरल के प्रधान इंजीनियर भी शामिल हैं।
केंद्र सरकार ने एनडीआरएफ की 18 टीमों , सेना के इंजीनियरिंग कार्य बल के नौ दस्तों और आठ दलों, तटरक्षक के 22 दलों, नौसेना की 24 गोताखोर टीमों को केरल भेजा गया है।
इसके साथ हेलिकॉप्टरों, हवाई जहाजों, नौकाओं, उपकरणों, लाइफ-जाकेटों इत्यादि को भी उपलब्ध कराया गया है, ताकि फंसे हुए लोगों को निकाला जा सके।
एनडीआरएफ, सेना और नौ सेना चिकित्सा सहायता भी उपलब्ध करा रही है, जिसमें विशेष मेडिकल कैम्प भी शामिल हैं। अब तक 2,182 लोगों को बचाया गया और एनडीआरएफ, सेना तथा नौ सेना द्वारा की जाने वाली त्वरित कार्रवाई के जरिए 968 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
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