नई दिल्ली, 13 मई (जनसमा)। नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में हुई कार्यवाही के संबंध में कहा है कि सुबह से सरकार के कुछ एजेंटों द्वारा मीडिया में यह झूठ फैलाया जा रहा है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने आयकर विभाग को जांच करने का आदेश दे दिया है।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए सिंघवी ने कहा, “ये दुखद इसलिए है कि सरकार के पास कुछ महत्वपूर्ण काम करने का समय, जरुरत या इरादा नहीं है। मैं समझता हूं कि इससे उनका भय, बौखलाहट दिखता है। जो आपको कहा जा रहा है वो उच्च न्यायालय के लिखित आदेश के विरुद्ध है। लेकिन आदेश से ना आप दूर भाग सकते हैं ना मैं। मैंने जिरह की है इसलिए मैं आपको संक्षेप में इसके बारे में बता सकता हूं फिर आप निर्णय ले लीजिएगा कि जो आपको एजेंटों द्वारा छापने के लिए बताया जा रहा है, वो सही है या गलत है?
उन्होंने कहा कि इस सरकार के आने के बाद आयकर विभाग 6 वर्ष के पुराने असेस्मेंट को पुन: वापस खोलने के लिए एक नोटिस देता है। जब विभाग से चिट्ठी आती है तो हम उच्च न्यायालय में एक याचिका देते हैं। हमारा कहना था कि आयकर विभाग के पास कोई भी ‘रीज़न टू बिलीव’ नहीं था। ‘रीज़न टू बिलीव’ एक कानूनी फ्रेज है जो किसी भी व्यक्ति का नोटिस द्वारा पुराने वर्षों का असेस्मेंट खोलने के लिए अतिआवश्यक है। इसलिए हमने न्यायालय में कहा कि विभाग को 5-6 वर्ष पुराना असेस्मेंट अधिकार खोलने का अधिकार नहीं है।
सिंघवी ने कहा, “उच्च न्यायालय ने काफी समय तक उस मामले को सुना और ओपन कोर्ट में कहा कि आप याचक हैं, जो-जो आपको आपत्तियाँ हैं, हर आपत्ति को हम आपको छूट देते हैं कि आप वापस जाकर आयकर विभाग के सामने दोहरा सकते हैं और विभाग बाध्य होगा कानून के अनुसार निर्णय लेने के लिए। इसलिए हमने संवैधानिक रूप से याचिका को वापस ले लिया है।”
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश में कही नहीं लिखा कि आयकर विभाग जांच करो। कौन से नोट में लिखा है सोनिया गाँधी पेश हों, राहुल गाँधी पेश हों या अन्य कोई पेश हो, हमने तो नहीं सुना, मैं खुद कोर्ट में था। इस प्रकार के बिना हस्ताक्षर के गलत, फरेबी, विकृत नोटिस द्वारा मीडिया को बरगलाया जा रहा है।
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “मैं ये भी स्पष्ट करना चाहता हूं कि कांग्रेस बहुत गौरव महसूस करती है कि नेशनल हैराल्ड जैसे अखबार के साथ कांग्रेस का नाम जुड़ा है और कांग्रेस के साथ नेशनल हैराल्ड का नाम जुड़ा है। ये स्वतंत्रता से पहले का अखबार है। जिस वक्त हमारे सोचने की, बोलने की, अभिव्यक्ति करने की, मानवाधिकार का हनन और कुचलना ब्रिटिश सरकार कर रही थी, आज बहुत हद तक आज उस जैसा वातावरण ही है। उस वक्त भी तीव्रता से, जोश और हौसले से नेशनल हैराल्ड ने अपनी आवाज उठाई थी और उसी तरह से कांग्रेस पार्टी आज भी अपनी आवाज उठाती रहेगी।”