Manohar Lal and Bhall on NRC

असम की तरह हरियाणा में भी बनाया जाएगा राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर

असम की तरह हरियाणा (Haryana) में भी राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (National Register of Citizens ) (NRC) लागू किया जायेगा।

यह बात हरियाणा के मुख्यमंत्री ( Chief Minister) मनोहर लाल (Manohar Lal ) ने 15 सितंबर को अपनी सरकार के विगत पांच साल के कामकाज की जानकारी देने के लिये चलाये जा रहे महा जनसंपर्क अभियान (Maha Jan Sampark Abhiyan) के दौरान कही।

महा जनसंपर्क अभियान के अंतिम दिन मनोहर लाल पंचकूला में हरियाणा राज्य मानव अधिकार आयोग के पूर्व चेयरमैन न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) एच.एस.भल्ला (H S Bhalla) के आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

उन्होंने न्यायमूर्ति एच.एस.भल्ला के प्रयासों की सराहना की कि सेवानिवृति के बाद भी वे एनआरसी डाटा (NRC Data) का अध्ययन करने के लिये असम (Assam) के दौरे पर जा रहे है।

फोटो : मुख्यमंत्री मनोहर लाल न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एच.एस.भल्ला के साथ

उन्होंने कहा कि यह सरकार के लिये भी एक तरीके से बेहतर होगा और भल्ला की सेवायें राज्य में स्थापित किये जाने वाले एनआरसी (NRC) के लिये उपयोगी होंगी।

एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार पहचान पत्र (family identity card) पर हरियाणा सरकार तेजी से कार्य कर रही है तथा इसके आंकड़ों का उपयोग राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (National Register of Citizens) में भी किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, राज्य में कानून आयोग के गठन करने के लिए भी विचार किया जा रहा है ।

मनोहर लाल ने कहा कि  समाज के प्रबुद्ध व्यक्तियों की सेवायें लेने के लिये अलग से एक स्वैच्छिक विभाग का गठन किया जायेगा।

एक प्रश्न के उतर में मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर पांच दिवसीय महा जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है, उसी कड़ी में आज पंचकूला में विशिष्टजनों से  मिल रहे थे।

न्यायमूर्ति भल्ला के अलावा पूर्व एडमिरल सुनील लांबा सेक्टर 6 एमसीडी तथा लैफ्निेट सेवानिवृत बलजीत सिंह जायसवाल अमरावती इनक्लेव में भी उन्होंने मुलाकात की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका उद्देश्य सरकार द्वारा पिछले पांच वर्षों के कार्यकाल में किये गये कार्यों की जानकारी लोगों तक पंहुचाना है। वे आने वाले समय में क्या करना है, इसके बारे भी प्रबुद्ध लोगों से सुझाव भी ले रहे है।

उन्होंने कहा कि अच्छे सुझाव को हम अपने संकल्प पत्र में शामिल भी कर सकते है।

मनोहर लाल ने कहा कि विकास कार्यों का ऑडिट समाज के प्रबुद्ध लोगों से हो, इसके लिये सोशल ऑडिट सिस्टम लागू किया जायेगा, जिसमें  विशेष उपलब्धि प्राप्त करने  वाले विशिष्टजनों को शामिल किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि कुछ कानून बहुत पुराने हो गये है, उन्हें बदलने की भी आवश्यकता है। उदाहरण के लिये वन विभाग का पीएलपी एक्ट ऐसा है, जिसमें बदलाव जरूरी है। हरियाणा सरकार ने इसमें संशोधन भी किया है।

लेफ्टिनेंट जनरल बी.एस.जयसवाल ने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया कि संविधान का अनुछेद 51 नागरिकों का देश के प्रति क्या कर्तव्य है, इसकी व्याख्या करता है  परंतु कोई भी सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही।