रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीमारमण ने भारतीय नौसेना की युद्ध तैयारियों और सैन्य अभ्यासों का मुआयना करने कं बाद कहा कि पश्चिमी बेड़े की सैन्य क्षमता को व्यक्तिगत रूप से देखने के बाद मुझे विश्वास है कि भारतीय नौसेना देश को किसी भी खतरे से बचाने में पूरी तरह सक्षम है।
रक्षा मंत्री ने 08 और 09 जनवरी, 2018 को भारत की नौसेना के युद्ध अभ्यास और शक्ति प्रदर्शन कार्यक्रम को देखा। भारत के पश्चिमी तट से दूर युद्ध कौशल औा अभ्यास कार्यक्रम में भारतीय नौसेना के 10 से अधिक युद्धपोत शामिल हुए। इनमें एयरक्राफ्ट कैरियर, आईएनएस विक्रमादित्य, तीन पनडुब्बियां तथा अनेक नौसैनिक विमान शामिल हैं।
रक्षा मंत्री प्रारंभ में आईएनएस कोलकाता पर सवार हुई। आईएनएस कोलकाता स्वदेश में निर्मित विध्वंसक हैं।
रक्षा मंत्री ने समुद्र में ऑनबोर्ड आईएनएस विक्रमादित्य में रात गुजारी। युद्ध जैसी वास्तविक स्थितियों में सैन्य कौशल कें प्रदर्शन की समीक्षा के लिए 08 जनवरी की रात्रि में रक्षा मंत्री के समक्ष उनके अंगरक्षकों सहित जहाज पर ‘बहुपक्षीय खतरे’ का माहौल तैयार किया गया।
दो दिनों तक भारतीय नौसेना की समुद्री शक्ति की समीक्षा करते हुए श्रीमती सीतारमण ने एयर इंटरस्टेशनों, मिसाइल, तोप तथा रॉकेट फाइरिंग, एक जहाज से दूसरे जहाज में शस्त्रों की आपूर्ति, रात्रि उड़ान तथा सबमेरिनरोधी कार्रवाइयों सहित अनेक जटिल नौसैन्य कार्रवाइयों को देखा।
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