नई दिल्ली, 18 मई (जनसमा)। भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस शारदा ने समुद्री डाकुओं के चंगुल से एक विदेशी मालवाहक जहाज को लुटने से बचाया लिया।
भारत ने अदन की खाड़ी में मालवाहक और यात्री जहाजों को समुद्री लुटेरों से बचाने के लिए नौसेना के जहाज आईएनएस शारदा को 6 अप्रैल, 2017 को तैनात किया था। नौसेना के बहादुर सैनिकों ने बीते मंगलवार 16 मई को समुद्री लुटेरों से एक मालवाहक जहाज को बचा लिया।
अदन की खाड़ी अरब सागर और यमन की सीमा के बीच में है। यह समुद्री रास्ता लगभग 32 किमी चैड़ा है। अदन, यमन का बंदरगाह शहर है। यह समुद्री मार्ग स्वेज नहर और भूमध्यसागर और अरब सागर के बीच में हैं जो हिंद महासागर से मिला हुआ है।
अदन की खाड़ी के इस समुद्री मार्ग से एक साल में 21 हजार से ज्यादा मालवाहक और यात्री जहाज आवागमन करते हैं।
फाइल फोटो: 18 नवंबर, 2008 को अदन की खाड़ी में आईएनएस तबार द्वारा समुद्री लुटेरों के विरुद्ध कार्रवाई
भारतीय जहाज को मंगलवार 16 मई को शाम लगभग पौने पांच बजे लाइबेरिया में रजिस्टर्ड एक जहाज एमवी लाॅर्ड माउंटबेटन से संकट की सूचना मिली। जिसमें बताया गया कि वह जहाज समुद्री लुटेरों से घिरा हुआ है। उस समय भारतीय नौसेना का जहाज शारदा समुद्र में 30 नाॅटिकल मील दूर था।
जैसे ही सूचना मिली, आईएनएस शारदा घटनास्थल की ओर तेजी से रवाना होगया। दो घंटे बाद लगभग शाम 7 बजे के आसपास भारतीय जहाज लाइबेरियन जहाज के पास पहुंच गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सैनिकों और सुरक्षाकर्मियों ने देखा कि वहां दो माल ढोने वाले जहाज और आठ नावें लाइबेरियन जहाज के पास संदिग्ध अवस्था में घूम रही हैं। जैसे ही भारतीय नौसेना का जहांज वहां पहुचा उसे देखकर तीन नावें तेज गति से उस क्षेत्र से भाग निकलीं।
नौसेना के एक दूसरे जहाज मार्कोस से हेलीकाॅप्टरों को बुलाया गया जो अस्त्र-शस्त्र सज्जित थे। नौसैनिकों ने उन दोनों जहाजों और छोटी नौकाओं की तलाशी ली जिनमें मछली पकड़ने का कोई सामान नहीं मिला बल्कि हथियार और गोला-बारूद मिले। इससे यह अनुमान लगाना आसान होगया कि दोनो माल ढोने वाले जहाज और नावें लूट की कार्यवाही को अंजाम देने आए थे।
इतना ही नहीं इन जहाजों ने उच्च क्षमता की राइफलें भी छुपा रखी थीं। नौसेना के सुरक्षाकर्मियों ने सामान जब्त कर लिया। इस तरह भारतीय नौसेना के बहादुर सैनिकों ने अदन की खाड़ी में एक मालवाहक जहाज को लुटने से बचा लिया।
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