विजयवाड़ा में लू का मुकाबला करने की तैयारी, उसकी रोकथाम और प्रबंधन के संबंध में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला 22 फरवरी को सम्पन्न हो गई। कार्यशाला में हितधारकों ने यह संकल्प लिया कि वे इस वर्ष लू के प्रभाव को कम करने के लिए काम करेंगे। कार्यशाला का आयोजन आंध्र प्रदेश सरकार के सहयोग से राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने किया था।
एनडीएमए के सदस्य कमल किशोर ने कहा कि हमारा प्रयास लू से होने वाली मौतों को कम करना है, बहरहाल लू से संबंधित बीमारियों का मुकाबला करने की भी आवश्यकता है, ताकि अत्यन्त कमजोर वर्गों का बचाव हो सके।
लू का मुकाबला करने के लिए क्षमता निर्माण संबंधी तकनीकी सत्र के दौरान जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता पर बल दिया गया, ताकि अधिक से अधिक लोग इसके विषय में जानकारी प्राप्त कर सकें। इस सत्र में लू के दुष्प्रभावों को कम करने के उपायों पर भी चर्चा की गई।
लू कार्य योजना की निगरानी, समीक्षा और उन्नयन संबंधी सत्र के दौरान सभी एजेंसियों के बीच सहयोग के महत्व पर चर्चा की गई। लू संबंधी परिस्थितियों की लगातार निगरानी करने का निर्णय किया गया। उल्लेखनीय है कि लू के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है, घबराहट होती है, दबाब बढ़ता है और घातक स्थिति पैदा हो सकती है। अग्रिम योजना और तैयारी के बल पर लू से होने वाली मृत्यु और बीमारियों को कम किया जा सकता है।
कार्यशाला के पहले दिन लू कार्य योजना एवं जोखिम में कमी, पूर्व चेतावनी और लू से निपटने की तैयारी तथा लू शमन उपायों को अपनाने और विशेषज्ञता को साझा करने संबंधी चर्चा भी की गई।
कार्यशाला में एनडीएमए के सदस्य, वरिष्ठ अधिकारी सहित लू, पूर्व चेतावनी और मौसम की भविष्यवाणी करने वाली एजेंसियों के विशेषज्ञ, राज्य सरकारों तथा अनुसंधान संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
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