पटना, 5 नवंबर | बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार का समाचार चैनल एनडीटीवी इंडिया पर प्रतिबंध लगाने का फैसला निंदनीय है। यह कदम मीडिया की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने जैसा है। जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने यहां शनिवार को कहा कि मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है। विधायिका कानून बनाती है, कार्यपालिका उन्हें लागू करती है और न्यायपालिका कानूनों की व्याख्या करने के साथ ही उनका उल्लंघन करने वालों को सजा देती है। वहीं लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में समसामयिक विषयों पर लोगों को जागरूक कर उनकी राय बनाने में मीडिया एक बड़ी भूमिका निभाता है।
नीतीश ने कहा, “भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के महत्व से हम सभी अवगत हैं। मीडिया लोगों की आवाज उठाने में सहायक बनकर अधिकार एवं शक्ति के दुरुपयोग को रोकती है। केंद्र सरकार द्वारा एनडीटीवी इंडिया पर प्रतिबंध लगाना निंदनीय है।”
उन्होंने कहा कि यह कदम मीडिया की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने जैसा है। भारत जैसे देश में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मीडिया का होना जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा आठ नवंबर की आधी रात से नौ नवंबर की आधी रात (24 घंटे) तक एनडीटीवी इंडिया न्यूज चैनल पर प्रसारण प्रतिबंधित किए जाने के फैसले की कड़ी निंदा की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार का मीडिया की स्वतंत्रता पर इस तरह अंकुश लगाना अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का अपमान है।”
मुख्यमंत्री ने इससे पहले ट्वीट किया, “लोकतंत्र में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मीडिया आवश्यक है। केंद्र सरकार द्वारा एनडीटीवी को बैन करना, मीडिया की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाना, निंदनीय है।”
बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने भी एनडीटीवी इंडिया पर प्रतिबंध लगाए जाने की निंदा करते हुए मौजूदा हालात को आपातकाल जैसा बताया था।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार मानती है कि एनडीटीवी इंडिया ने साल जनवरी में पंजाब के पठानकोट में भारतीय वायुसेना के बेस पर हुए हमले की कवरेज में प्रसारण मानकों का उल्लंघन किया गया है, इस समाचार चैनल का कहना है कि उसने वही दिखाया, जो अन्य चैनलों ने दिखाया। इसलिए प्रतिबंध उचित नहीं है।
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