लखनऊ, 04 अप्रैल (जनसमा)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था में काफी सुधार की आवश्यकता है। राज्य सरकार इसे सुधारने के लिए हर सम्भव प्रयास करेगी।
उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ यह प्रयास किया जाएगा कि सभी परीक्षाएं समय पर हों, वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार यह भी कोशिश करेगी कि नकल पर पूरी तरह से लगाम लगे। राज्य सरकार नकल करवाने वालों तथा ऐसे केन्द्रों पर सख्त कार्रवाई करेगी। नकल पर हर हाल में रोक लगाई जाएगी। दागी केन्द्रों को चिन्ह्ति कर उन्हें ब्लैक लिस्ट करने के साथ-साथ उनके खिलाफ एफ.आई.आर. भी दर्ज कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यहां शास्त्री भवन में शिक्षा के सम्बन्ध में आयोजित एक प्रस्तुतिकरण में अपने विचार व्यक्त किए। इस प्रस्तुतिकरण में प्रदेश के उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, बेसिक शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा तथा प्राविधिक शिक्षा के परिदृश्य पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने इस बात पर विशेष बल दिया कि बुनियादी तौर पर शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों के ज्ञान के स्तर में बढ़ोत्तरी के साथ ही, उनमें ऐसे नैतिक गुणों का समावेश किया जाए, जिससे वे भविष्य के योग्य, सफल एवं जिम्मेदार नागरिक बन सकें।
उन्होंने सरकारी शिक्षकों द्वारा कोचिंग चलाने पर सख्त रवैया अपनाते हुए ऐसे शिक्षकों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हर हाल में यह सुनिश्चित किया जाए कि विद्यालयों में अधिकतम 200 दिन के अन्दर कोर्स पूरा कराया जाए। विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति की लगातार मॉनीटरिंग की जाए। सभी विद्यालयों में शिक्षकों तथा छात्रों की नियमित उपस्थिति बायोमीट्रिक्स के माध्यम से मॉनीटर की जाए। साथ ही, विद्यालयों में नियमित पढ़ाई सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा विभाग का प्रस्तुतिकरण देखते हुए निर्देश दिए कि राज्य स्तर पर सभी विश्वविद्यालयों में एक समान पाठ्यक्रम लागू करते हुए विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों के सत्रों को नियमित किया जाए। उन्होंने उच्च शिक्षण संस्थाओं में शिक्षकों की कमी को दूर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जो भी भर्तियां की जाएं, उनमें पूरी पारदर्शिता बरती जाए।
(फाइल फोटो)
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