भारत में मकान निर्माण क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विश्वस्तरीय तकनीक का होना आवश्यक है।
यह बात आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी ने कही और कहा कि भारत में शहरीकरण तेजी से हो रहा है।
‘ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलोजी चैलेंज. इंडिया’ (जीएचटीसी.इंडिया) का शुभारंभ करते हुए पुरी ने सोमवार को नई दिल्ली में कहा कि समूचे विश्व से प्रौद्योगिकियां प्राप्त करने तथा भारत में अपनायी जा सकने योग्य प्रौद्योगिकियों की पहचान करने की जरूरत है।
पुरी ने इस बात पर जोर दिया कि नई उभरती, आपदा से बचाने वाली, पर्यावरण के अनुकूल, लागत प्रभावी और शीघ्र निर्माण तकनीकों को देखने की जरूरत है।
जीएचटीसी-इंडिया, अवधारणा और साथ ही साथ मकान निर्माण करने के तरीके दोनों में ही परिवर्तन लायेगा।
चैलेंज के तीन संघटक हैं यथा
i) ग्रेंड एक्स्पो-कम-कॉन्फ्रेंस का संचालन करना,
ii) दुनियाभर की प्रमाणित प्रदर्शनीय प्रौद्योगिकियों की पहचान करना और
iii) चुनिंदा आईआईटी में इन्कूबेशन सेंटर्स की स्थापना और आशा इंडिया कार्यक्रम के जरिए सम्भावित प्रौद्योगिकियों को प्रोत्साहन देना।
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय में सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि वर्ष 2022 तक लगभग एक करोड़ मकानों का निर्माण की मांग के विपरीत मंत्रालय द्वारा अब तक लगभग 70 लाख मकानों को मंजूरी दी गई है।
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