पटना, 18 मई (जनसमा)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि आज देश में विकास के कुछ द्वीप बन गए हैं, इसीलिए देश की विकास दर घट-बढ़ रही है। देश की विकास दर कुछ राज्यों की विकास दर पर निर्धारित है। अगर देश के सभी भागों में एकरूपी विकास होगा तो देश की विकास दर हमेशा बढ़ती रहेगी। देश के सर्वांगीण विकास के लिए पूरे मूल्क का विकास जरूरी है।
नीतीश कुमार बुधवार को बिहार राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की 60वीं प्लैटिनम जुबली बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बिहार में विकास की असीम संभावनाएं हैं। बिहार के लोग बैंक खाते में पैसा जमा कराते हैं परन्तु अगर यहाँ के लोगों को विकास योजनाओं के लिये ऋण उपलब्ध नहीं होगा तो इससे विकास अवरूद्ध होगा। अभी यह मात्र 44 प्रतिशत तक है, जबकि बहुत सारे विकसित राज्यों में यह अनुपात 100 प्रतिशत से भी ज्यादा है।
मुख्यमंत्री ने बैठक में उपस्थित सभी बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों को कहा कि आप अपने निचले स्तर की कार्यप्रणाली को जब तक नहीं सुधारेंगे, तब तक विकास संभव नहीं होगा।
नीतीश ने आर.टी.जी.एस. के माध्यम से धनराशि के ट्रांसफर का उदाहरण देते हुए कहा कि आर.टी.जी.एस. के माध्यम से पैसे ट्रांसफर करने के लिए दी गई राशि बैंकों में महीनों तक पड़ी रह जाती है। अगर समय पर लोगों को पैसा नहीं मिला तो यह पूरी प्रणाली बेकार साबित हो जाएगी। प्रक्रिया का ससमय अनुपालन होना चाहिए।
बैंकों द्वारा ब्रांच खोले जाने के संबंध में नीतीश ने कहा कि इस वर्ष 1,640 नए ब्रांच खोलने का लक्ष्य है, जिसमें से अब तक मात्र 139 ब्रांच खोले गए हैं, यह काफी कम है। बैंको की नीति है 5 हजार की आबादी पर ब्रांच खोलने की। आप बिहार के प्रत्येक ग्राम पंचायत में तो ब्रांच खोलिए। ग्राम पंचायतों की आबादी 10 हजार से ऊपर रहती है।
उन्होंने कहा कि लेन-देन की प्रक्रिया डिजिटल होनी है तो बैंकों को अपनी आधारभूत संरचनाएं सुधारनी होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए लोगों के बीच रूपे कार्ड को लोकप्रिय बनाइए।
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