प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात’ की 46वीं कड़ी में हिन्दी के विख्यात कवि स्व. गोपाल दास नीरज को श्रद्धांजलि देते हुए उनके साहित्य सृजन को याद किया और कहा कि नीरज जी की एक विशेषता रही थी – आशा, भरोसा, दृढसंकल्प, स्वयं पर विश्वास। हम हिन्दुस्तानियों को भी नीरज जी की हर बात बहुत ताक़त दे सकती है , प्रेरणा दे सकती है – उन्होंने लिखा था –
‘अँधियार ढलकर ही रहेगा,
आँधियाँ चाहे उठाओ,
बिजलियाँ चाहे गिराओ,
जल गया है दीप तो अँधियार ढलकर ही रहेगा’।
मोदी ने कहा कि मुझे नीरज जी की भी वो बात याद आती है और ज़िंदगी का वही तो मक़सद होता है।
नीरज जी ने कहा है –
‘गीत आकाश को धरती का सुनाना है मुझे,
हर अँधेरे को उजाले में बुलाना है मुझे,
फूल की गंध से तलवार को सर करना है,
और गा-गा के पहाड़ों को जगाना है मुझे’।
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