चित्तौड़ दुर्ग में रानी पद्मिनी के इतिहास को बताने वाला शिलालेख अब संशोधित होकर नया लगेगा। यह जानकारी नई दिल्ली में 2 अगस्त को हुई एक बैठक में दीगई।
यह बैठक चित्तौड़ दुर्ग और वहां के ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण एवं यात्री सुविधाओं के विस्तार पर आयोजित की गई। बैठक में केंद्रीय पुरातत्व विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया ।
चित्तौड़गढ सांसद सी. पी. जोशी की पहल पर हुई इस बैठक में अधिकारियों ने पावर पाइंट प्रेजेंटेशन भी प्रस्तुत किया।
बैठक में अधिकारियो ने विकास कार्यो को शीघ्र प्रारम्भ करने एवं समय पर पूर्ण करने का आश्वासन दिया।
बैठक में बताया कि रानी पद्मिनी के इतिहास को बताने वाला शिलालेख अब संशोधित होकर नया लगेगा। रानी पद्मिनी के इतिहास से आने वाली पीढ़ी प्रेरणा ले इसलिए रानी पद्मिनी पर एक डॉक्युमेेन्ट्री बनाने पर भी विशेष चर्चा की गई।
साथ ही चित्तौडगढ़ दुर्ग के व्यू पाइंट पर यात्री सुविधाओं के लिए पार्किग, क्लाक रूम, टिकिट बुकिंग, गार्डन, पेयजल, टायलेट ब्लॉक आदि कार्यो पर भी पावर पाइंट प्रेजेन्टेशन द्वारा जानकारी दीगई।
सांसद जोशी ने दुर्ग की प्राचीर के बाहर के भाग को रोशनी द्वारा आकर्षक बनाये जाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इससे रात्रि के समय ऐतिहासिक दुर्ग रोशनी में चमचमाता हुआ और शानदार दिखाई देगा।
बैठक में मेनाल के शिव मंदिर की मरम्मत एवं वहां यात्री सुविधाओं के विस्तार पर भी चर्चा हुई।
बैठक में पुरातत्व विभाग की डी.जी. उषा शर्मा ने अधिकारियों को निर्धारित कार्यो को शीघ्र क्रियान्वित करने का निर्देश दिया।
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