मलेशिया में नया सुरक्षा कानून प्रभावी

कुआलालांपुर, 1 अगस्त | मलेशिया में बढ़ते आंतकवाद के खतरे से निपटने के लिए सोमवार को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद कानून लागू कर दिया गया। हालांकि कार्यकर्ताओं का दावा है कि इसका इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों को चुप करने में किया जा सकता है। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, यह कानून देश के प्रधानमंत्री को ऐसे सुरक्षा क्षेत्र निर्धारित करने की अनुमति देता है, जहां तैनात सुरक्षा बल बगैर वारंट के लोगों, वाहनों और इमारतों की तलाशी ले सकते हैं।

कानून में कर्फ्यू लगाने और बिना किसी आरोप के ही संदिग्ध को हिरासत में लेने की भी अनुमति दी गई है।

बीते सप्ताह प्रधानमंत्री नजीब रजाक ने वर्तमान सुरक्षा जरूरतों और जेहादी आंतकवाद के लिए इस कानून को जरूरी बताते हुए इसका बचाव किया था।

हालांकि दक्षिणपूर्व एशिया के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय और मानवाधिकार समूहों सहित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने इस नए कानून के खतरों से भी आगाह किया है।

एमनेस्टी इंटरनेशनल (एआई) के दक्षिण पूर्व एशिया एवं प्रशांत के उप निदेशक जोसेफ बेनडिक्ट ने एक बयान में कहा, “नए कानून के साथ सरकार अब निरंकुश हो गई है और उसके पास मनमानी करने की शक्तियां आ गई हैं।”

एआई ने कहा कि नजीब सरकार ने अक्सर शांतिपूर्ण असहमतियों को दबाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों को लागू किया है।

बेनडिक्ट ने कहा, “नजीब सरकार व्यापक तौर पर दमनकारी नए कानून लागू कर रही है जो कहने को तो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हैं, लेकिन वास्तविक में वे मानवाधिकारों को कुचल रहे हैं।”

–आईएएनएस