समाचार आज ‘दर्शक का खेल’ हो गया है, क्योंकि टेक्नोलॉजी ने विषय-वस्तु और प्रसारण के बीच की रेखा को धुंधली बना दिया है। इसके परिणामस्वरूप मीडिया का एक वर्ग तो संहिता, आचार और मर्यादा नियमों का पालन करता है, जबकि दूसरा वर्ग टीआरपी की दौड़ में लगा रहता है और परिणामस्वरूप शीर्षक हैश टैग के साथ स्पर्धा करते हैं। यह देश में सोशल मीडिया विस्फोट की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि सोशल मीडिया सूचना प्रसार का नया मार्ग प्रदान कर रहा है।
सूचना और प्रसारण मंत्री श्रीमती जुबिन स्मृति इरानी ने 2017 का सरदार पटेल स्मृति व्याख्यान देते हुए 26 अक्टूबर को यह भी कहा कि सार्वजनिक प्रसारणकर्ता ने निजी चैनलों के कारोबार और मुनाफा हित से ऊपर जनहित को रखा है। यह प्रसार भारती के अनिवार्य है कि देश की प्रगति के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष बात कहे।
जुबिन स्मृति इरानी ने सार्वजनिक प्रसारणकर्ता से साधारण व्यक्ति के इर्द-गिर्द कहानियां गढ़ने का आह्वान किया ताकि इसका प्रभाव भारत के अंदर और बाहर पड़े।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय इंटरनेट, मोबाइल, कंटेंट, एनीमेशन और गेमिंग के क्षेत्र में युवा पीढ़ी के द्वारा टेक्नोलॉजी के बढ़ते उपयोग को देखते हुए डिजीटल क्षेत्र में विशेष सृजन के लिए ‘डिजाइन थिंकर्स’ की अवधारणा को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयास करेगा।
इस वार्षिक व्याख्यान का आयोजन भारत के पहले सूचना और प्रसारण मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के सम्मान में आकाशवाणी द्वारा किया गया था। व्याख्यान का पहला आयोजन 1955 में किया गया था और पहला स्मृति व्याख्यान सी. राजगोपालाचारी ने दिया था।
पहले के वर्षों के वक्ताओं में डॉ. जाकिर हुसैन, श्री मोरारजी देसाई, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम और अन्य प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं।
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