भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा प्रवर्तित कंपनी भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड (आईएचएमसीएल) सोमवार को राज्य सरकार द्वारा संचालित तेल विपणन कंपनियों आईओसीएल,बीपीसी और एचपीसी के साथ एक समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर रही है।
इस समझौते से भारत भर के पेट्रोलियम विक्रय केन्द्रों पर फास्टैग की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जा सकेगा।
फास्टैग FASTag का टोल शुल्क की स्वचालित कटौती करता है और वाहन को नकद लेनदेन के लिए बिना रुके टोल प्लाजा से गुजरने देता है।
परिवहन मंत्रालय ने कहा है कि दिल्ली एनसीआर में 50 ईंधन स्टेशनों पर फास्टैग उपलब्ध होंगे। इसे बाद में पूरे भारत में विस्तारित किया जाएगा।
आईएचएमसीएल को देश में राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह कार्यक्रम (एनईटीसी) को लागू करने के लिए अधिकृत किया गया है।
कंपनी ने अप्रैल 2016 में “फास्टैग” ब्रांड के तहत इस कार्यक्रम का शुभांरभ किया था।
इस कार्यक्रम ने पिछले वर्षों में शानदार सफलता हासिल की और अब यह राष्ट्रीय राजमार्गों और चयनित 450 से अधिक टोल प्लाजाओं पर संचालन में हैं।
वर्तमान एनईटीसी कार्यक्रम में, फास्टटेग्स को प्रमाणित बैंकों द्वारा कुछ सीमित माध्यमों जैसे एनएच टोल प्लाजा पर प्वाइंट-ऑफ-सेल, ऑनलाइन और चयनित बैंक शाखाओं के माध्यम से जारी किया जा रहा हैं।
आईएचएमसीएल अपनी रणनीति को आगे बढ़ाने के लिए, दो मोबाइल एप्लिकेशनों- माई फास्टटेग और आईएचएमसीएलपीओएस का शुभांरभ करने की भी योजना बना रहा है।
यह ऐप ग्राहकों को न सिर्फ फास्टटेग को अपने पसंदीदा बैंक खाते के साथ जोड़ने में सक्षम बनाएगा बलिक यूपीआई प्लेटफॉर्म के माध्यम से फास्टटेग को रिचार्ज भी करेगा।
आईएचएमसीएल वन नेशन-वन टैग की दृष्टि से विभिन्न राज्य प्राधिकारियों/एसपीवी के साथ समन्वय करके यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है कि फास्टटेग देश भर के प्लाज़ाओँ में पसंदीदा डिजिटल भुगतान का साधन बन जाए।
महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और हैदराबाद स्थित छब्बीस टोल प्लाजाओँ को इस योजना के तहत पहले ही शामिल किया जा चुका हैं, जबकि अन्य राज्य सरकारों/एजेंसियों के साथ डिजिटल इंडिया प्लेटफॉर्म पर चल रही कैशलेस अर्थव्यवस्था को प्राप्त करने में सहायता करने के लिए विचार विमर्श चल रहा है।
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