Hanged

निर्भया गैंगरेप और हत्या के दोषियों को फाँसी पर लटकाया गया

आखिरकार 16 दिसंबर 2012 के निर्भया  गैंगरेप और हत्या के चारों दोषियों (gangrape-murder convicts) मुकेश ,पवन, विनय  और अक्षय को शुक्रवार, 16 मार्च , 2020  को सवेरे दिल्ली की तिहाड़ जेल में फाँसी पर लटका दिया गया (hanged) ।

देश के करोड़ों लोगों को मानसिकरूप से झकझोरने और भावनात्मक रूप से आहत कर देने वाले अमानुषिक कुकर्म और हत्या के मुजरिमों को उनके किये की सजा मिल ही गई।

इससे पहले 16 मार्च तड़के तक दोषियों के वकील फाँसी (Hanging) टलवाने की जी तोड़ कोशिश करते रहे, सुप्रीम कोर्ट भी खुला रहा और तिहाड़ जेल के बाहर तक चैनलों की भीड़ लगी रही।

घंटों तक इस मामले को लेकर तनाव बना रहा और सुबह लगभग 4ः30 बजे सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने एक दोषी पवन गुप्ता की राष्ट्रपति द्वारा दूसरी दया याचिका को अस्वीकृत किये जाने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया।

देश के कानून के इतिहास के बेहद चौकाने वाले इस मामले में 16 दिसंबर, 2012 की वह घटना है जिसे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चलती बस में 23 वर्षीय एक युवती के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और इसके कारण उसकी मौत होगई।

दिल्ली की तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल ने मुकेश (31), पवन गुप्ता (24), विनय शर्मा (25)  और अक्षय कुमार सिंह (33) को सुबह 5ः30 बजे फाँसी पर लटका दिये जाने (hanged) की पुष्टि की।

फाँसी से पहले तक फाँसी की सजा पाये दोषियों ने निचली अदालत, दिल्ली उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय का दरवाजा कई बार खटखटाया।

देश में याकूब मेमन को 1993 के मुंबई बम विस्फोट मामले में दोषी पाये जाने पर 30 जुलाई 2015 को आखिरी फांसी दी गई (hanged) थी।