नई दिल्ली, 1 सितम्बर | सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) लौह अयस्क के लिए अपनी दोहरी मूल्य निर्धारण नीति जारी रख सकता है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कर्नाटक आयरन एंड स्टील मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन द्वारा दायर यााचिका खारिज करते हुए यह फैसला दिया।
याचिका में अनुरोध किया गया था कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त निगरानी समिति ही लौह अयस्क की कीमतें निर्धारित करे।
दोहरी मूल्य निर्धारण नीति के तहत एनएमडीसी विभिन्न राज्यों को लौह अयस्क विभिन्न कीमतों पर बेचती है।
अदालत ने दोहरी मूल्य निर्धारण नीति को जारी रखने की मंजूरी देते हुए वेदांता की लौह अयस्कों के निर्यात से संबंधित याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया, जिसे गोवा और कर्नाटक में नहीं बेचा जा सकता। –आईएएनएस
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