Nirmala

‘मेक इन इंडिया’ से ‘असेंबल इन इंडिया’ तक प्राथमिकता में कोई बदलाव नहीं

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि मेक इन इंडिया (Make in India’) से लेकर भारत में असेंबल (Assemble) (कल पुर्जे जोड़ना) तक सरकार की प्राथमिकता में कोई बदलाव नहीं है और यह दोनों नीतियां (Policies) आने वाले वर्षों में क्षमता निर्माण और अधिक रोजगार के अवसर प्रदान करेंगी।

उन्होंने कहा कि सरकार को मेक इन इंडिया (Make in India) को लेकर केवल भारत में आयातित मशीनरी सामान को असेंबल (Assemble))  को लेकर कोई चिंता है, यह पूरी तरह गलत धारणा है। वित्त मंत्री आज नई दिल्ली में सीआईआई द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उद्योग क्षेत्र के सदस्यों को संबोधित कर रही थीं।

सुश्री सीतारमण ने कहा कि भारत में असेंबल एक एवेन्यू है जिसे किसी भी सरकार द्वारा अपनी पूर्ण क्षमता तक नहीं खोजा गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार हमेशा उद्यमिता और धन सृजन को बढ़ावा देने के लिए और बेहतर तरीके खोज रही है।

पिछले शुक्रवार को संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत में असेंबल (Assemble))के क्षेत्र में अगले 10 वर्षों में आठ करोड़ नौकरियां पैदा करने की संभावना है।

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि बजट 2020-21 में किसी भी तरह की ड्यूटी बढ़ाना संरक्षणवाद का तरीका नहीं है,  बल्कि भारत को स्वदेशी रूप से उत्पादित किए जा सकने वाले उत्पादों के लिए डंपिंग ग्राउंड होने से बचने का एक तंत्र है।

सुश्री सीतारमण ने कहा कि सरकार ने एक ही वर्ष में आयकर, कॉर्पोरेट टैक्स और न्यूनतम वैकल्पिक कर सभी को घटा दिया है जो सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति को दर्शाता है और अर्थव्यवस्था से जुड़े हर वर्ग के साथ है।