Adhaar Number

आधार नम्‍बर के लिए किसी को भी विवश नहीं किया जा सकता

सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि यदि कानूनी बाध्‍यता न हो तो किसी भी व्‍यक्ति को आधार नम्‍बर  (Aadhaar number) प्रस्‍तुत करने के लिए विवश नहीं किया जा सकता।

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने यह निर्णय बुधवार, 12 जून 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में लिया।

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने आधार ( Aadhaar )को लोगों के लिए अधिक अनुकूल बनाने के उद्देश्‍य से आधार तथा अन्य कानून (संशोधन) अध्‍यादेश, 2019 के स्‍थान पर आधार तथा अन्य कानून (संशोधन) विधेयक, 2019 को मंजूरी दी है।

प्रस्‍तावित संशोधन राष्‍ट्रपति द्वारा 2 मार्च, 2019 को घोषित अध्‍यादेश के प्रावधानों के अनुरूप है।

इस विधेयक को संसद के अगले सत्र में पेश किया जाएगा।

सरकार का मानना है कि इस निर्णय से आधार (Aadhaar) लोगों के लिए अधिक सुविधाजनक और उपयोगी सिद्ध होगा।

प्रभाव :

  • इस निर्णय से यूआईडीएआई लोगों के हितों के अनुरूप एक मजबूत प्रणाली बनाने में सक्षम होगा और इससे आधार के दुरूपयोग को कम करने में सहायता मिलेगी।
  • इस संशोधन के बाद यदि संसद द्वारा पारित किसी कानून की बाध्‍यता न हो तो किसी व्‍यक्ति को अपनी पहचान साबित करने हेतु आधार नम्‍बर   (Aadhaar number) प्रस्‍तुत करने के लिए बाध्‍य नहीं किया जा सकेगा।
  • बैंक खाते खुलवाने में लोगों की सुविधा के लिए प्रस्‍तावित संशोधन आधार के उपयोग को मान्‍यता देता है परंतु बैंक को आधार नम्‍बर   (Aadhaar number) देना स्‍वैच्छिक होगा। टे‍लीग्राफ अधिनियम, 1885 तथा धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के त‍हत बैंक इसे केवाईसी दस्‍तावेज के रूप में स्‍वीकार कर सकता है।

प्रस्‍तावित संशोधनों की मुख्‍य विशेषताएं निम्‍न है :-

  • व्‍यक्ति स्‍वेच्‍छा से प्रमाणन या सत्‍यापन के लिए भौतिक रूप में अथवा इलेक्‍ट्रानिक रूप में आधार नम्‍बर   (Aadhaar number) का उपयोग कर सकता है।
  • 12 अंकों वाले आधार नम्‍बर के उपयोग की सुविधा अथवा इसके वैकल्पिक वर्चुअल पहचान के उपयोग की सुविधा ताकि व्‍यक्ति के वास्‍तविक आधार नम्‍बर   (Aadhaar number) को गुप्‍त रखा जा सके।
  • जिन बच्‍चों के पास आधार नम्‍बर है उन्‍हें यह विकल्‍प दिया गया है कि वे 18 वर्ष की आयु प्राप्‍त करने से पहले अपने आधार नम्‍बर   (Aadhaar number) को गुप्‍त रख सकते है।
  • संस्‍थानों को सत्‍यापन करने की अनुमति है यदि वे प्राधिकरण द्वारा निर्दिष्‍ट निजता और सुरक्षा के मानकों का अनुपालक करते है या संसद द्वारा पारित किसी कानून के तहत सत्‍यापन की अनुमति है या केन्‍द्र सरकार यह प्रस्‍ताव देती है कि उक्‍त सत्‍यापन राज्‍य हित में है।
  • सत्‍यापन के लिए स्‍वैच्छिक रूप से आधार नम्‍बर   (Aadhaar number) देने की अनुमति होगी। टे‍लीग्राफ अधिनियम, 1885 तथा धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के त‍हत बैंक इसे केवाईसी दस्‍तावेज के रूप में स्‍वीकार कर सकता है।
  • निजी संस्‍थानों द्वारा आधार के उपयोग से संबंधित आधार अधिनियम की धारा 57 को हटाने का प्रस्‍ताव है।
  • यदि आधार नम्‍बर    (Aadhaar number) का सत्‍यापन नहीं हो पाता है तो ऐसी स्थिति में भी किसी व्‍यक्ति को सेवा से वंचित नहीं किया जा सकता।
  •  भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण कोष स्‍थापित करने का प्रस्‍ताव है।
  • आधार अधिनियम के प्रावधानों के उल्‍लंघन के संदर्भ में दीवानी जुर्माने का प्रावधान है।