लोकसभा में सरकार ने कहा है कि देश में किसी भी राज्य या संघ शासित प्रदेश में भूख से किसी की मौत होने की कोई खबर नहीं है।
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग मंत्रालय के राज्यमंत्री सी.आर. चौधरी ने एक लिखित उत्तर में यह जानकारी मंगलवार को दी।
केन्द्र सरकार ने कहा है कि कुछ राज्यों में भूख से मौत की खबरें मीडिया में आई हैं, लेकिन उन राज्य सरकारों का कहना है कि जांच में ऐसे आरोपों की पुष्टि नही हो पाई है।
गुजरात सरकार ने कहा है कि उसके राज्य में भूख से कोई मौत नहीं हुई है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे में 75 फीसदी ग्रामीण और 50 फीसदी शहरी आबादी आती है, जो देश की कुल आबादी का करीब दो तिहाई हिस्सा है। इन लोगों को चावल, गेंहू और मोटे अनाज क्रमश: 3, 2, और 1 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से दिए जा रहे हैं।
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि आधार कार्ड नहीं होने या बायोमैट्रिक्स में आने वाली अड़चनों के बावजूद किसी भी लाभार्थी को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मिलने वाले खाद्यान्न या खाद्य सब्सिडी के नाम पर मिलने वाली राशि से वंचित नहीं किया जा सकता।
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