दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा है कि दिल्ली की कच्ची कालोनियों (unauthorized colonies) पर राजनीति नहीं रजिस्ट्री (Registry) चाहिए।
उन्होंने कहा कि जिस तरह की खबरें आ रही है, उससे पता चलता है कि विधानसभा चुनाव (Assembly election) से पहले सिर्फ सौ लोगों को रजिस्ट्री देकर फोटो खिंचाने की तैयारी है। यह तो पूरी तरह से धोखा और दिखावा है।
केजरीवाल ने कहा मेरी फिर से केंद्र सरकार से अपील है, दिल्ली की कच्ची कालोनियों में रहने वाले हर व्यक्ति के हाथ में रजिस्ट्री दी जाए। इसपर सिर्फ राजनीति न हो।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा विधानसभा चुनाव नजदीक देख भाजपा भी कच्ची कालोनियों (unauthorized colonies) में गई। जहां लोगों ने आम आदमी पार्टी के काम गिनाने शुरू कर दिए। इसके बाद केंद्र सरकार कच्ची कालोनियों को पक्का करने का बिल संसद में पेश करने को मजबूर हो गई।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार को कच्ची कालोनियों (unauthorized colonies) को वैध घोषित कर तीन दिन में सभी को रजिस्ट्री देने की प्रक्रिया प्रारंभ कर देनी चाहिए।
अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा कि पिछले पांच साल में कच्ची कालोनियों (unauthorized colonies) का कायापल्ट हुआ है। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार बनने के बाद कच्ची कालोनियों को पक्का करने और विकास के लिए काम तेज हुआ।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पांच साल पहले जब मैं कच्ची कालोनियों (unauthorized colonies) में जाता था तो लोगों का हाल देख बेहद पीड़ा होती थी। लोगों के घरों में बारिश का पाना जाता था। सड़कें नहीं थी। आलम यह था कि लोगों के लड़कों की शादी तक नहीं होती थी। लड़की वाले आते थें और कच्ची कालोनियों (slums) का हाल देखकर लौट जाते थें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच साल में कच्ची कालोनियों (unauthorized colonies) में रहने वालों को सम्मान दिलाया गया। हमने सड़कें बनवाई। जिससे बरसात का पानी घर में जाना बंद हुआ। सीवर लाईन डलवाया। 24 घंटे बिजली की व्यवस्था कराई गई। दो सौ यूनिट मुफ्त बिजली दिया गया। 20 हजार लीटर मुफ्त पानी दिया गया। इससे कच्ची कालोनी में रहने वालों का जीवनस्तर भी दिल्ली के अन्य हिस्सों में रह रहे लोगों के बराबर हुआ। आज कच्ची कालोनी में रहने वाले भी गर्व से कह सकते हैं कि हम दिल्ली का हिस्सा हैं।
कच्ची कालोनियों (unauthorized colonies) से जुड़े आंकड़े
दिल्ली में कुल कच्ची कालोनियां – 1797
सड़क नाली निर्माण के तुलनात्मक आंकड़े
2009 – 14 – 309 कालोनियों में सड़क नाली बनी, कुल – 811 करोड खर्च
2015 – अब तक – 1281 कालोनियों में सड़के और नाली बनी, कुल – 4312 करोड़ खर्च हुए।
पानी पाइप लाईन
2002 – 2009 – मात्र 45 कालोनियों में पानी की पाईप लाईन डली
2009 – 2014 – 245 कालोनियों में पानी की पाईप लाईन डली
2015- अब तक – 579 कालोनियों में पाईन की पाईप लाईन डली
कुल खर्च – 391 करोड़ रुपये
अब तक 1554 कालोनियों में पानी पाईप लाईन डल गई है। 250 कालोनियां बची हैं। 50 में व्यवहारिक समस्या के कारण पानी की लाईन डाल नहीं सकते। एक साल में सभी दो सौ कालोनियों में पाईन की पाईप लाईन डल जाएगी।
सीवर
2009 – 2014 – केवल 34 कालोनियों में सीवर लाईन डली
2015 – 2019 तक – 903 कालोनियों में सीवर लाईन डली।
कुल 3444 करोड़ खर्च
नोट – कुल 1130 कालोनियों में सीवर डल गई है। बाकि जगह एक दो साल में सीवर लाईन डाल दिया जाएगा।
कच्ची कालोनी विकास पर खर्च
2009 – 2014 – 1186 करोड़
2015 – 2019 – 8147 करोड़