आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी कुछ सप्ताह में रुपए की हालत में कोई खास सुधार होने की संभावना नहीं है किंतु बुखार से हरारत की स्थिति में आ सकता है।
इसके मायने यह हुए के रुपए के थर्मामीटर का पारा डॉलर के मुकाबले 71 से ₹72 के बीच ऊपर-नीचे हो सकता है।
अंग्रेजी अखबार इकनॉमिक टाइम्स ने इस मामले में कुछ अर्थ विशेषज्ञों से बात की है।
इससे यह बात समझ में आती है कि सरकार के प्रयासों से रुपए की हालत में कुछ सुधार हो सकता है लेकिन डॉलर के मुकाबले रुपया की कीमत 68.70 के बीच आने में दो-तीन महीने लग जाएंगे।
रुपए में गिरावट अंतर्राष्ट्रीय बाजार में हो रही उथल-पुथल का परिणाम भी है क्योंकि रूस का रूबल, तुर्की का लीरा और अर्जेंटीना का पैसों हालत ठीक नहीं है। इसलिए अंतर्राष्ट्रीय बाजार में निवेशक इन्वेस्टमेंट करने में हिचकिचा रहे हैं।
बाजार की हालत देखें तो रुपया बुधवार को ₹72 92 पैसे तक पहुंच गया था जो डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड लो लेवल पर है लेकिन इस शुक्रवार को ₹71 86 पर आकर हालत सुधरी थी।
Follow @JansamacharNews