नई दिल्ली, 17 मई (जनसमा)। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा ने डेंगू से मुकाबला करने के लिए रोकथाम और सामुदायिक भागीदारी के महत्व पर बल देते हुए कहा, “यह हम सभी और हमारे समाज की ज़िम्मेदारी है कि हम डेंगू की नस्ल के लिए एक वातावरण नहीं बनाते हैं। डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण के लिए सभी स्तरों पर प्रतिबद्धता आवश्यक है। हम एक साथ आगे आकर अपने समुदाय को डेंगू के प्रभाव से बचा सकते हैं।” नड्डा ने ये बातें मंगलवार को यहां राष्ट्रीय डेंगू दिवस के दिन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली तथा राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कार्यक्रम में कही।
भारत को स्वच्छ बनाने के माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिबद्धता दोहराते हुए नड्डा ने कहा कि इस समस्या से निजात पाने के लिए कई कदम/योजनाएं उठाये गये हैं, लेकिन हमारा मुख्य काम वेक्टर को खुद नियंत्रित करने पर होना चाहिए।इसके लिए स्वच्छता सबसे महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय डेंगू दिवस इसके रोकथाम और नियंत्रण के बारे में जागरूकता फैलाने का एक अवसर है।
इस अवसर पर बोलते हुए नड्डा ने कहा कि ‘डेंगू मुक्त भारत’ एक दृष्टि है जो कि भारत में डेंगू से जुड़ी रोगग्रस्तता और मृत्यु दर को रोकने के लिए समाज की सक्षम भागीदारी से पूरा किया जा सकता है। नड्डा ने विस्तार से बताते हुए कहा कि समाज का सही दिशा में किया गया प्रयास देश में इस बीमारी के बोझ को कम कर सकता है। परिवेश को स्वच्छ और एडीज मच्छरों से मुक्त रखने के लिए सरल उपाय किए जा सकते हैं। डेंगू नियंत्रण कार्यक्रम की सफलता समाज की सक्षम भागीदारी और स्वामित्व से संबंधित है।
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