Tiranga

एनआरआई भारत में निर्मित तिरंगे झंडे नहीं फहरा पाते

यूरोप, अमेरिका, कनाडा आदि देशों में रहने वाले एनआरआई भारत में निर्मित तिरंगे झंडे नहीं फहरा पाते हैं। उन्हें चीन में निर्मित तिरंगे झंडे पर निर्भर रहना पड़ता है।

यह चौका देने वाली खबर दी है आर्थिक समाचारों के अखबार ” इकाॅनोमिक टाइम्स” ने।

बुद्धवार को  प्रकाशित खबर में कहा गया है कि एनआरआई भारत में बना तिरंगा नहीं फहराते हैं।

इस मामले में चौंका देने वाली बात यह है कि कोई भी कुरियर कंपनी भारत में बने तिरंगे को विदेशों में नहीं भेजना चाहती हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि यह रेस्ट्रिक्टेड आइटम है।

देश में कुछ प्रसिद्ध कुरियर कंपनियां है इनमें यूपीएस, टीएनटी, फेडेक्स और डीएचएल जैसी इंटरनेशनल कंपनियां है।

यह कंपनियां भारत में बने तिरंगे को दूसरे देशों को भेजने से कतराती हैं। मतलब यह कि जो भी ऑर्डर यूरोप, अमेरिका, कनाडा आदि देशों में रहने वाले भारतीयों द्वारा भारत में तिरंगा बनाने वाली कंपनियों को भेजा जाता है वह उसे स्वीकार करने में समर्थ नहीं होती है।

‘ईटी’ ने द फ्लैग कॉरपोरेशन के मालिक से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि कोई भी विदेशी कुरियर कंपनी तिरंगा ले जाने को राजी नहीं होती है। वे इसकी वजह भी नहीं बताती हैं। कुरियर कंपनियां इस बारे में ऑन रिकॉर्ड कुछ कहना भी नहीं चाहती।

जब गृह मंत्रालय के अधिकारी से बातचीत की गई तो अधिकारी भी यह सुनकर चौक गए। उन्हें भी इस बारे में कोई जापकारी नहीं थी।

‘जनसमाचार’ की राय है कि इस मामले में भारत सरकार को तुरंत हसतक्षेप करना चाहिए और राष्ट्रीय दिवस के आसपास विदेशों से तिरंगा मंगाने के लिए कोई आर्डर आता है तो उसमें किसी प्रकार की रुकावट नहीं होनी चाहिए। लेकिन इस बात की गारंटी होनी चाहिए कि तिरंगे का किसी तरह अपमान न हो । साथ ही उसे सावधानी से विदेश में भारत के राष्ट्रीय दिवस के आयोजन के लिए  भेजा जाना चाहिए।