चेन्नई, 19 फरवरी | द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के कार्यकारी अध्यक्ष एम.के.स्टालिन ने रविवार को तमिलनाडु के राज्यपाल से आग्रह किया कि वह शनिवार की विधानसभा की कार्यवाही को अवैध घोषित करें, जिस दौरान मुख्यमंत्री ई.के.पलनीस्वामी ने विश्वास मत हासिल किया था। विधानसभा में विपक्ष के नेता स्टालिन ने राज्यपाल सी.विद्यासागर राव से कहा कि मुख्यमंत्री पलनीस्वामी द्वारा पेश किया गया विश्वास प्रस्ताव पूरे विपक्ष की गैर मौजूदगी में पारित किया गया।
स्टालिन ने राव से लोकतंत्र तथा संविधान की मूल भावना की सुरक्षा के उद्देश्य से पूरी कार्यवाही को अवैध घोषित करने के लिए अपनी संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल करने का आग्रह किया।
File photo : Dravida Munnetra Kazhagam (DMK) working President M.K. Stalin
स्टालिन ने कहा कि विधानसभा परिसर के चारों ओर भारी तादाद में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया, जिससे युद्ध जैसी स्थिति और आतंक का माहौल बनाया गया।
उनके मुताबिक, बीच रिसॉर्ट में कैद वी.के.शशिकला खेमे के ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के विधायकों को कड़ी सुरक्षा में विधानसभा लाया गया और पूरी कार्यवाही के दौरान वे भयभीत नजर आए।
स्टालिन ने कहा कि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पी.धनपाल से विश्वास प्रस्ताव गुप्त मतदान के माध्यम से कराने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
डीएमके नेता के मुताबिक, पार्टी विधायकों के पास अपना विरोध जताने का कोई और तरीका नहीं था, इसलिए वे सदन में ही शांतिपूर्ण धरने पर बैठ गए।
उन्होंने कहा, “अध्यक्ष ने प्रक्रिया का पालन किए बिना डीएमके के सभी विधायकों को सदन से बाहर निकालने का आदेश दिया। ऐसा लगता है कि अध्यक्ष ने पुलिस को पहले ही निर्देश दे रखा था, जिसके अनुसार वह सदन में दाखिल हुई।”
स्टालिन ने राव से कहा, “पुलिस तथा मार्शलों ने हमें जबरदस्ती सदन से बाहर निकाल दिया और इस दौरान कई लोगों को चोटें आईं। अन्य विपक्षी पार्टियों ने अध्यक्ष की कार्रवाई का कड़ा विरोध करते हुए सदन से बहिर्गमन किया।”
–आईएएनएस
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