माखा बुचा के अवसर पर, 24 फरवरी, 2024 को लगभग एक लाख श्रद्धालुओं ने बैंकाक के सनम लुआंग मंडप के पगोडा में भगवान बुद्ध और उनके दो शिष्यों के पवित्र अवशेषों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए ।
अर्हत सारिपुत्र एवं अर्हत मौदगल्यायन के चार पवित्र पिपराहवा अवशेष 26 दिवसीय प्रदर्शनी के लिए 22 फरवरी को थाईलैंड के बैंकाक पहुंचे और 23 फरवरी को बैंकाक के सनम लुआंग मंडप में विशेष रूप से निर्मित पगोडा में सार्वजनिक उपासना के लिए प्रतिष्ठापित किए गए।
इस प्रदर्शनी यात्रा कार्यक्रम में पूरे थाईलैंड में कई स्थानों का दौरा शामिल है, जिससे श्रद्धालुओं और उत्साही लोगों को इन प्रतिष्ठित पुरावशेषों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर मिल सके:
सनम लुआंग मंडप, बैंकाक: 22 फरवरी 2024 – 3 मार्च 2024 (11 दिन)
हो कुम लुआंग, रॉयल राजप्रुइक, चियांग माई: 4 मार्च 2024 – 8 मार्च 2024 (5 दिन)
वाट महा वानाराम, उबोन रत्चथानी: 9 मार्च 2024 – 13 मार्च 2024 (5 दिन)
वाट महाथाट, औलुक, क्राबी: 14 मार्च 2024 – 18 मार्च 2024 (5 दिन)
इन पवित्र अवशेषों को 19 मार्च, 2024 को थाईलैंड से उनके संबंधित स्थलों पर वापस ले जाया जाएगा, जिसके साथ थाईलैंड में एक ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक रूप से समृद्ध प्रदर्शनी का समापन होगा।
बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर और केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार के नेतृत्व में 22 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा भारत से थाईलैंड लाए गए भगवान बुद्ध और उनके दो शिष्यों के पवित्र अवशेषों की एक झलक पाने के लिए वहां के लोग बैंकाक पहुंच रहे हैं।
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