साइबर अपराधों की शिकायतों के लिए सरकार एक ऑनलाइन केन्द्रीय सूचना प्रणाली शीघ्र शुरू करने जारही है। सरकार की चिन्ता है कि महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ हिंसा को लगातार जारी रखने के लिए डिजिटल माध्यम का व्यापक इस्तेमाल निरंतर बढ़ता जा रहा है।
महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध विशेषकर ऑनलाइन बाल यौन शोषण सामग्री, दुष्कर्म संबंधी वीडियो और अन्य आपत्तिजनक सामग्री को हटाने से जुड़े मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी की अध्यक्षता में बुद्धवार को खासतरह की एक गोलमेज बैठक आयोजित की गई।
संपन्न बैठक में निर्णय यह लिया गया कि अगले 3 महीनों में निम्नलिखित कार्य किए जायेंगे:
- साइबर अपराध की अंतहीन प्रवृत्ति से महिलाओं और बच्चों को पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन बनाया जाए।
- किसी भी समय कहीं से भी साइबर अपराध की शिकायतों को दर्ज करने और कार्यान्वितकरने के लिए एक ऑनलाइन केंद्रीय सूचना तंत्र का विकास किया जाए।
- ऑनलाइन बीभत्स/अपमानजनक सामग्री को निश्चित समय में हटाने/ रोकने के लिए एक तंत्र बनाया जाए।
इस बैठक में विभिन्न सरकारी हितधारकों, उद्योग संगठनों एवं भारतीय इंटरनेट सेवा प्रदाता संघ के साथ-साथ सोशल मीडिया एजेंसियों ने भी भाग लिया। इस दौरान डेटा सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर भारतीय डेटा सुरक्षा परिषद द्वारा विचार-विमर्श किया गया। बैठक में सिविल सोसायटी के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
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