नई दिल्ली, 25 नवंबर | विपक्ष के हंगामे के बीच शुक्रवार को राज्य सभा की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके उस बयान पर माफी की मांग कर रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि नोटबंदी की इसलिए आलोचना की जा रही है क्योंकि इसके आलोचकों को तैयारी करने का समय नहीं मिला। सदन की कार्यवाही सबसे पहले दोपहर तक के लिए स्थगित करनी पड़ी और इसके बाद 2.30 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
सदन की कार्यवाही पहली बार स्थगित करने के बाद विपक्षी सदस्यों ने मोदी से उनके बयान को लेकर माफी की मांग की।
सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि गुरुवार को कहा गया था कि मोदी नोटंबदी पर चर्चा के दौरान सदन में मौजूद रहेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों के सदस्यों ने मोदी से माफी की मांग की।
विपक्षी दलों ने हका कि प्रधानमंत्री को सदन में आना चाहिए और अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए।
राज्यसभा में दोपहर 12 बजे के बाद सदन की कार्यवाही पुन: चालू होने के बाद भी हंगामा जारी रहा।
मोदी ने इससे पहले पुस्तक विमोचन समारोह में विपक्षी दलों का स्पष्ट रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि यदि सरकार ने विपक्षी दलों को नोटबंदी के फैसले के बारे में पूर्व में बता दिया होता तो वे इससे खुश होते।
संसद के शीतकालीन सत्र के आगाज से लेकर अब तक इसके दोनों सदन नोटबंदी के मुद्दे पर बाधित रहे हैं। –आईएएनएस
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