अंगों का दान एक नए जीवन के लिए उपहार : नड्डा

नई दिल्ली, 13 अगस्त (जस)। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) के सहयोग से आयोजित एक कार्यक्रम में आज अपने अंगों का दान देने की वचनबद्धता के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा को 1500 प्रमाण पत्र सौंपे। इस अवसर पर, अपने संबोधन में नड्डा ने कहा कि बीएसएफ द्वारा की गई यह एक शानदार पहल है और अंगदान के बारे में जारूकता फैलाने की दिशा में एक लंबा मार्ग तय करेगी। नड्डा ने कहा कि भारत की अग्रिम रक्षा पंक्ति में तैनात, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) पिछले 50 वर्षों से हमारी सीमाओं की सुरक्षा कर रहा है और निश्चित रूप से बीएसएफ द्वारा राष्ट्र की सेवा में यह अत्यंत सराहनीय कार्य है।

जे.पी.नड्डा ने कहा कि अंगों का दान एक नये जीवन को उपहार देने के समान है। अंग एक राष्ट्रीय संसाधन है और इसलिए एक भी अंग बर्बाद नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी भारतीयों से मृत्यु के पश्चात अंग दान करने की शपथ लेने और बहुत से मूल्यवान जीवनों को बचाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अंगदान एक राष्ट्रीय आंदोलन बन जाना चाहिए और हमें दुनिया को यह दिखा देना चाहिए कि मृत्यु के बाद भी हम व्यापक स्तर पर अपने साथी नागरिकों और मानवता की परवाह करते हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस पहल के लाभ देश के प्रत्येक कोने तक पहुंचने चाहिए और इन्हें केवल शहरों तक ही सीमित नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन शैली के कारण बढ़ती बीमारियों की घटनाओं को देखते हुए अंगों की मांग में भविष्य में कई गुना वृद्धि होने की संभावना है। इसलिए अत्यंत आवश्यकता वाले लोगों के लिए शव से सुरक्षित, प्रभावी और नैतिक रूप से अंगों के प्रत्यारोपण के लिए एक बेहतर प्रणाली बनाने की जरूरत है।

सरकार अंग दान के नियम/कानूनों और प्रक्रियाओं को सरल बनाने की दिशा में विभिन्न कदम उठा रही है। इनके अंतर्गत राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (www.notto.nic.in) की वेबसाइट पर अद्यतन जानकारी के साथ-साथ अंग दान के लिए प्रतिज्ञा पंजीकरण की ऑनलाइन सुविधा प्रदान की जाती है। इसके अलावा टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर (1800114770) के साथ एक 24×7 कॉल सेंटर भी उपलब्ध है।

मंत्रालय ने एक राष्ट्रीय अंग और ऊतक दान और प्रत्यारोपण रजिस्ट्री का भी शुभारंभ किया। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रत्यारोपण और/या पुनर्प्राप्ति अस्पतालों की प्रारंभित तौर पर नेटवर्किंग प्रारंभ कर दी गयी है। अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (आरओटीटीओ) नामक पांच क्षेत्रीय स्तर के संगठनों की भी पहचान की गई है।