उर्दू में हमारी पूरी तहजीब बसी है : कोविंद

पटना, 21 मार्च | बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने यहां मंगलवार को कहा कि उर्दू जुबान पूरी दुनिया को प्रेम का पैगाम देती है। उर्दू एक भाषा मात्र नहीं, बल्कि इसमें हमारी पूरी तहजीब बसी हुई है। इस भाषा को जहां इस देश के लेखकों ने समृद्ध किया है, वहीं दूसरे मुल्कों में रह रहे उर्दू लेखकों एवं शायरों के योगदान को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पटना में बिहार उर्दू अकादमी द्वारा आयोजित दो दिवसीय उर्दू सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कोविंद ने कहा, “हमारे समाज में अदब की बहुत अहमियत है, खास तौर से उर्दू भाषा इस अदब में चार चांद लगाती है। इसमें किसी एक मजहब के लेखकों का योगदान नहीं, बल्कि हिंदू, मुस्लिम, सिख सबने अपने लेखन से उर्दू को समृद्ध किया है।”

राज्यपाल ने कहा कि देश से बाहर रहने वाले लेखक भी अपनी उर्दू भाषा से प्रेम करते हैं और अपने लेखन से इसे विकसित करने में एक अहम भूमिका निभाते हैं।

कोविंद ने कहा कि बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में उर्दू विभाग कार्यरत हैं, जिनमें अच्छे शिक्षकों के अलावा मेहनती बच्चे-बच्चियां भी हैं। उन्होंने आषा व्यक्त करते हुए कहा, “सभी शिक्षक, उर्दू पढ़ने वाले बच्चों का एक ऐसा समूह तैयार करेंगे, जो आगे चलकर उर्दू जुबान-व-अदब के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान करेंगे।”

उन्होंने सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि बिहार सरकार उर्दू भाषा और साहित्य की तरक्की के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।

बिहार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री डॉ अब्दुल गफूर ने अपने संबोधन में उर्दू के जरिए शिक्षा देने वाली संस्थाओं को सुदृढ़ करने की जरूरत पर बल दिया। –आईएएनएस

(फाइल फोटो)