इस वर्ष पोंग जलाशय में एक लाख 15 हजार से अधिक प्रवासी पक्षी आए जो कि गत वर्ष की तुलना में 6 हजार अधिक हैं।
यह जानकारी विश्व वैटलैण्ड दिवस-2019 (World Wetland day – 2019) के अवसर पर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में आयोजित समारोह में शनिवार को दी गई।
भारत में 26 अधिसूचित रामसर स्थल हैं, जिनमें से तीन हिमाचल प्रदेश में हैं।
कांगड़ा में पोंग बांध, सिरमौर में रेणुका और लाहौल स्पीति में चंदरताल शामिल है।
इसके अलावा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा मंडी में रिवाल्सर और चंबा में खजियार को भी संरक्षण और प्रंबधन में शामिल किया है।
इस वर्ष लगभग 30 हजार वार हेडेड गोज ने पोंग जलाशय में प्रवास किया। लगभग 103 प्रजातियों के पक्षियों नें इस वर्ष पोंग जलाशय में विचरण किया है।
Photo Courtesy: hpkangra.nic.in Migratory Birds, Pong Dam
विश्व वेट लेण्ड दिवस हर वर्ष हि.प्र. विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद द्वारा 2 फरवरी को रामसर संधि के रुप में मनाया जाता है।
अंतराष्ट्रीय महत्व के वेट लेण्ड पर रामसर कन्वेंशन विशेष रुप से जलपक्षी निवास स्थान के रुप में वैटलैण्ड्स के संरक्षण और टिकाऊ उपयोग के लिए एक अंतराष्ट्रीय संधि है।
विश्व वैटलैण्ड दिवस मनाने का उददेश्य वैटलैण्ड संरक्षण के लिए विश्व के प्रत्येक नागरिक को प्रतिबद्व और उनके योगदान के प्रति प्रेरित करना है।
विश्व वैटलैण्ड दिवस 2019 का मुख्य विषय “वेट लेण्ड और जलवायु परिवर्तन” है।
यह विषय हम सभी को यह सोचने के लिए प्रेरित करता है कि हम सिकुड़ते हुए वेट लेण्ड और उसके आसपास के क्षेत्र को फिर से जीवंत बनाने में योगदान दे सकें।
शहरी क्षेत्रों में वैटलैण्ड्स बहुत तेजी से सिकुड़ रहे हैं। जो इस महत्वपूर्ण पारिस्थितिक तंत्र के लिए एक गंभीर खतरा है।
वैटलैण्ड्स लोगों, वन्य जीवों और जलीय प्रजातियों के लिए कईं पारिस्थितिक तंत्र लाभकारी सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण है। जिनमें पानी की गुणवता की रक्षा करना और सुधार करना, मछली और वन्य जीवों को आवास प्रदान करना, बाढ़ के पानी को संग्रहित करना और शुष्क अवधि के दौरान सतह के जल प्रवाह को बनाए रखना शामिल है।
यह बहुमूल्य कार्य वैटलैण्ड्स की अद्वितीय प्राकृतिक विशेषताओं के परिणाम हैं।
हिमाचल प्रदेश राज्य वैटलैण्ड प्राधिकरण, हि.प्र. विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद, वन एवं शिक्षा विभाग के सहयोग से विश्व वैटलैण्ड दिवस-2019 का आयोजन राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, डाडासीबा, जिला कांगड़ा में 2 फरवरी, 2019 को किया गया।
इस समारोह के मुख्य अतिथि के तौर पर उद्योग मंत्री हिमाचल प्रदेश विक्रम सिंह नें कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
इस अवसर पर हि.प्र. विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद चित्रकला प्रतियोगिता और वर्ड वाचिंग प्रतियोगता का आयोजन किया गया।
इन कार्यक्रमों में जिला भर से 20 स्कूलों के 400 विद्यार्थियों नें भाग लिया।
अपने अध्यक्षीय भाषण में विक्रम सिंह ने बताया कि वर्तमान सरकार नें वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार तथा पर्यावरण मंत्रालय, जर्मन सरकार से वैटलैण्ड्स पर 32 करोड़ रुपये की अन्य परियोजना स्वीकृत करवाई।
इस परियोजना में 4 वैटलैण्ड्स को चिन्हित किया गया है। यह गर्व का विषय है कि उन 4 में से 2 वैटलैण्ड्स रेणुका और पोंग डैम हिमाचल प्रदेश में है।
यह प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि का विषय है।
विक्रम सिंह ने परियोजना पर विस्तृत करते हुए कहा कि यह धनराशि इन वैटलैण्ड्स के प्रबधन, जैव विविधता संरक्षण और जलवायु से संबंधित कार्यों पर खर्च की जाएगी।
इस पूरे कार्य को हि.प्र. विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद की देखरेख में कार्यान्वित किया जाएगा।
इस अवसर पर कुणाल सत्यार्थी, भा.वन.से., सदस्य सचिव हि.प्र. विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद की ओर से सभी अधिकारियों और स्कूली छात्रों का धन्यवाद किया।
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