केन्द्र सरकार दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों (unauthorized colonies) के निवासियों को मालिकाना हक प्रदान करेगी।
वैसे तो मास्टर प्लान के तहत पुनर्विकास की इजाजत दी जाती है, लेकिन इन अनधिकृत कॉलोनियों (unauthorized colonies) के निवासियों के पास मालिकाना हक न होने के चलते यह संभव नहीं हो पाया।
यह समस्या सुलझाने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल की अध्यक्षता में एक समिति 8 मार्च, 2019 को गठित की गई थी जिसके लिए केन्द्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी पहले ही मिल गई थी।
इस समिति को दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों (unauthorized colonies) के निवासियों को मालिकाना/हस्तांतरण हक देने की एक समुचित प्रक्रिया की सिफारिश करने का जिम्मा सौंपा गया था।
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समिति ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है जिसके आधार पर तैयार किए गए एक मसौदा कैबिनेट नोट को सभी संबंधित हितधारकों के बीच प्रसारित कर दिया गया है, ताकि वे 11 जुलाई, 2019 तक अपनी टिप्पणियां प्रस्तुत कर सकें।
इस मसौदा कैबिनेट नोट में अनधिकृत कॉलोनियों (unauthorized colonies)के निवासियों को मालिकाना/हस्तांतरण हक प्रदान करने का उल्लेख किया गया था।
इस प्रस्ताव के तहत अनधिकृत कॉलोनियों (unauthorized colonies) के निवासियों को मालिकाना या मॉर्गेज/हस्तांतरण हक प्रदान किए जाएंगे जिससे जल्द ही बड़े पैमाने पर अनधिकृत कॉलोनियों का विकास/पुनर्विकास करने का मार्ग प्रशस्त होगा।
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