नई दिल्ली के प्रगति मैदान में सोमवार शाम 38वां भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में राजस्थानी कलाकारों ने रंगारंग प्रस्तुतियां दी। प्रदेश के विभिन्न अंचलों से आये लोक कलाकारों ने राजस्थान के विश्व प्रसिद्ध लोक नृत्य कालबेलिया, घूमर, तेरह ताली, चरी, बैल नृत्य, मयूर , बृज की होली,चंग ढप आदि लोक नृत्यों के अलावा लोक कलाकारों लंगा मांगणिहार का खड़ताल एवं अलवर का भपंग वादन ने भी दर्शकों का मन मोहलिया। कार्यक्रम की शुरुआत जोधपुर से आये रफीक लंगा एवं साथियों द्वारा प्रस्तुत खड़ताल वादन एवं गायन से हुई। अनीशुद्दीन एवं साथी कलाकारों ने चरी नृत्य की प्रस्तुति दी। चूरू के पाबूसर से आये गोपाल गीला एवं साथियों ने चंग ढप नृत्य पेश किया। इसी प्रकार अलवर के युसुफ खान मेवाती ने भपंग वादन से सभी को आनंदित किया। अंतरराष्ट्रीय कालबेलिया नृत्यांगना श्रीमती गुलाबो की पुत्री सुश्री राखी गुलाबो ने कालबेलिया एवं घूमर नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों की तालियां बटोरी। बूंदी के करवर से आये हरि शंकर नागर एवं साथियों ने बैल व कच्छी घोड़ी नृत्य से समा बांधा। पाली के पादरला से आयी श्रीमती दुर्गा देवी एवं साथी कलाकारों ने तेरह ताली नृत्य प्रस्तुत किया। सांस्कृतिक संध्या का समापन डीग भरतपुर के जितेंद्र पाराशर एवं साथी कलाकारों द्वारा प्रस्तुत मयूर व फूलों की होली नृत्य से हुआ। प्रारम्भ में राज्य की प्रमुख आवासीय आयुक्त श्रीमती शुभ्रा सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ किया। पर्यटन विभाग की अतिरिक्त निदेशक श्रीमती गुंजीत कौर,डप निदेशक दिनेश सेठी एवं राजस्थान सूचना केंद्र के अतिरिक्त निदेशक गोपेन्द्र नाथ भट्ट ने अतिथियों का स्वागत किया।