नई दिल्ली, 12 अगस्त | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि कश्मीर घाटी में तनाव की वजह पाकिस्तान की सरपरस्ती में सीमा पार आतंकवाद है। कश्मीर घाटी में व्याप्त तनाव का समाधान ढूंढने के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में मोदी ने कहा, “कश्मीर में तनाव की वजह आतंकवाद है, जिसका पड़ोसी मुल्क समर्थन कर रहा है।”
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री ने बैठक में शिरकत करने वाले भागीदारों से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर तथा बलूचिस्तान में पाकिस्तान के अत्याचारों का खुलासा करने की अपील की।
आकाशवाणी के अनुसार कश्मीर की स्थिति पर चर्चा करने के लिए सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी,राजनाथ सिंह,अरूण जेटली और श्रीमती सुषमा स्वराज सहित अन्य वरिष्ठ मंत्रियों ने भाग लिया। बैठक में अन्य लोगों के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री डॉ0 मनमोहनसिंह, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी के नेता मुलायमसिंह यादव, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सीताराम येचुरी और जनता दल युनाइटेड के शरद यादव भी हैं।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कश्मीर पर सर्वदलीय बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा, “कश्मीरी मुसलमानों ने सबसे पहले द्विराष्ट्र के सिद्धांत को खारिज किया था। जम्मू एवं कश्मीर की संविधान सभा ने खुद को भारत का एक अभिन्न अंग घोषित किया था। हमें मिलकर उस जड़ तक जाना चाहिए, जहां से समस्या शुरू हुई।”
उन्होंने कहा, “यदि कोई गलती हुई है, तो उसे हर हाल में सुधारा जाना चाहिए।”
यह पूछे जाने पर कि क्या वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब से संतुष्ट हैं? आजाद ने कहा, “हम तभी संतुष्ट होंगे जब शांति बहाल हो जाएगी।”
आजाद ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के भाषण का जिक्र करते हुए सरकार से कोई समाधान निकालने का आग्रह किया।
सिंह ने बैठक में अपने संबोधन में कहा कि उनकी सरकार ने कश्मीर समस्या को सुलझाने के लिए गंभीर प्रयास किए थे। उन्होंने आगे कहा कि वह इस बात को मानते हैं कि उनकी सरकार पूरी तरह सफल नहीं हो पाई थी।
सिंह ने कहा, “यह सरकार का कर्तव्य है कि वह कश्मीर समस्या के समाधान के लिए कोई खाका तैयार करे।”
–आईएएनएस
Follow @JansamacharNews