दिल्ली सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर डीटीसी की बसों में पैनिक अलार्म सिस्टम लगाने का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए हर बस में चार पैनिक बटन होंगे।
पैनिक अलार्म सिस्टम की पायलट परियोजना के अंतर्गत आने वाली बसों के सभी बस चालक दल के सदस्यों (ड्राइवर और कंडक्टर) को ऑपरेट करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।पांच बसों में ये अलार्म सिस्टम लगाये गए हैं।
प्रत्येक बस में चार पैनिक बटन लगाए गए हैं। जब भी कोई अलार्म बटन दबाया जाएगा , तुरंत ही 40 सेकेंड्स के लिए जोरदार बीपिंग अलार्म बजेगा, जिसे यात्रा के दौरान निष्क्रिय नहीं किया जा सकता।
अलार्म की आवाज सुनते ही बस चालक बस को सड़क के बायीं ओर ले जाएगा और बस को रोक देगा। इस दौरान कंडक्टर यह देखने में सक्षम होगा कि अलार्म बटन किस सीट या स्थान से दबाया गया है।
पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च के अवसर पर बोलते हुए परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा: “दिल्ली की बसों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बसों में पैनिक अलार्म सिस्टम लगाना एक प्रकार से सुरक्षा का तीसरा चरण है।
दिल्ली सरकार इसके पहले से ही सभी डीटीसी बसों में बस मार्शल तैनात कर चुकी है और 200 डीटीसी बसों में पायलट आधार पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये है।
यह परियोजना भारत में सार्वजनिक स्थानों में महिलाओं की सुरक्षा और लिंग इक्विटी के क्षेत्र में काम कर रही बैंगलोर स्थित एक गैर सरकारी संगठन प्रोजेक्ट दुर्गा के सहयोग से लागू की गई है।
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