Vasundhara Raje

गुरू ग्रन्थ साहिब में वाणियां लिखने वाले भक्तों की स्मृति में पेनोरमा

जयपुर, 15 जुलाई  (जनसमा)।। राजस्थान सरकार ऎसे भक्तों की स्मृति में पेनोरमा ( चित्रमालाएं) विकसित कर रही है, जिन्होंने गुरू ग्रन्थ साहिब में वाणियां लिखी। गुरूद्वारा बूढ़ाजोहड़ में भगत सुक्खा सिंहजी एवं मेहताब सिंहजी के पेनोरमा और झील के सौन्दर्यकरण का काम किया जा रहा है। वहीं टोंक जिले के धुआंकलां में धन्ना भगत जी का पेनोरमा, झालावाड़ में भगत रैदास जी का पेनोरमा तथा नारायणा में गुरू गोबिन्द सिंह जी का पेनोरमा बनवाया जा रहा है। राजस्थान विश्वविद्यालय में भी गुरू गोबिन्द महाराज पीठ स्थापित की जा रही है जिसके लिए 4 करोड़ रुपये आंवटित भी हो चुके हैं।

गुरू गोबिन्द सिंह जी की लड़ाई अधर्म, जुल्म तथा भेद-भाव के खिलाफ रही। वे एक महान संत, योद्धा तथा समाज सुधारक थे। गुरू नानक देवजी ने जिस आदर्श मनुष्य की कल्पना की थी, उस कल्पना का साकार रूप गुरू गोबिन्द सिंह जी है। गुरू गोबिन्द सिंह ने पूरी दुनिया को मानवता का पाठ पढ़ाया और मानव प्रेम को ही भक्ति और उपासना माना।

गुरू गोबिन्द सिंह ने हमें एक-दूसरे से स्नेह रखने के साथ-साथ एक-दूसरे के साथ होने वाले अन्याय का प्रतिकार करने की भी सीख दी। उन्होंने सभी धर्माें और जातियों के लोगों को एक बर्तन से अमृत पिला कर सदियों पुरानी जात-पात की दीवार को गिराया। धर्महित के लिए गुरूजी ने न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे वंश का भी बलिदान दे दिया। लोगों को अत्याचार से बचाने के लिए ही महान खालसा पंथ की स्थापना की।

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने उपरोक्त बातें शनिवार को 8, सिविल लाइन्स पर गुरू गोबिन्द सिंह के 350वें प्रकाश वर्ष के अवसर पर आयोजित कीर्तन दरबार में सिख संगत को सम्बोधित करते हुए कही।

इस अवसर पर श्रीमती राजे ने पटना तख्त साहिब के मुख्य जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह जी का सरोपा भेंटकर सम्मान किया। राष्ट्रीय सिख संगत के अध्यक्ष गुरू चरण सिंह गिल, सिख समाज के प्रदेश अध्यक्ष  अजय पाल सिंह, तथा विभिन्न समाजों के साधु-संत मौजूद थे।