संसद के दानों सदनों ने जम्मू और कश्मीर(Jammu and Kashmir) पुनर्गठन विधेयक और संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने का संकल्प पत्र को मंजूरी दे दी।
लोकसभा में विधेयक (The Jammu and Kashmir Reorganisation Bill, 2019) के पक्ष में 367 सदस्यों ने मतदान किया जबकि 70 सदस्यों ने इसका विरोध किया। अनुच्छेद 370 के संकल्प पत्र के पक्ष में 351 सदस्यों ने मत दिया जबकि 72 ने इसके खिलाफ मतदान किया।
लोकसभा ने मंगलवार 6 अगस्त,2019 को जम्मू और कश्मीर को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने के लिए विधेयक को मंजूरी दे दी।
संसद ने संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को रद्द करने के प्रस्ताव को लोकसभा ने आज मंजूरी दे दी है।
इससे संबंधित प्रस्ताव और अनुच्छेद 370 विधेयक को खत्म करने को राज्यसभा सोमवार को ही मंजूरी दे दी थी।
इससे पहले लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने संविधान के अनुच्छेद 370 के अंतर्गत जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को समाप्त करने के लिए प्रस्ताव आज लोकसभा में पेश किया। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 भी चर्चा और पारित करने के लिए सदन में पेश किया ।
इस विधेयक में जम्मू और कश्मीर(Jammu and Kashmir) के स्थान पर दो केन्द्रशासित प्रदेशों के गठन का प्रस्ताव है जिसमें से जम्मू कश्मीर केन्द्रशासित प्रदेश की अपनी विधानसभा होगी जबकि केन्द्रशासित प्रदेश लद्दाख के लिए किसी विधानसभा का प्रावधान नहीं किया गया है।
गृहमंत्री अमित शाह ने चर्चा शुरू करते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 को समाप्त करने से जम्मू-कश्मीर में खून खराबे का अंत हो जायेगा। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए की वजह से ही जम्मू-कश्मीर में विकास में पिछड़ने, भ्रष्टाचार और आतंकवाद जैसी समस्याएं उत्पन्न हुई हैं।
प्रस्ताव और विधेयकों पर बोलते हुए, अमित शाह ने कहा कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है जिसमें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (Pakistan-occupied Kashmir) भी शामिल है।
गृहमंत्री ने कहा कि लद्दाख को केन्द्रशासित बनाने की मांग बहुत पुरानी है।
उन्होंने कहा कि वे जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) के लिए अपनी जान देने को तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि संसद के पास पूरे देश और भारत के संविधान और जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) के लिए कानून बनाने की पूरी शक्तियां हैं और दोनों इसके लिए अनुमति देते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 के खत्म होने से जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) में खूनी युद्ध समाप्त हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 और धारा 35 ए जम्मू-कश्मीर में विकास, भ्रष्टाचार और आतंकवाद के मूल कारणों की कमी के लिए जिम्मेदार है।
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