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पौष पूर्णिमा के दिन छत्तीसगढ़ में मनाया जाता है लोक पर्व छेरछेरा

इस साल 21 जनवरी को पौष पूर्णिमा है और इस दिन छत्तीसगढ़ में छेरछेरा लोक उत्सव मनाया जाता है।

गांवों और शहरों की गलियों में बच्चों की टोलियां द्वार-द्वार जाकर छेरछेरा, माई कोठी के धान ल हेरहेरा की पुकार लगाकर अन्नदान का आग्रह करते हैं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को कल 21 जनवरी को अन्नदान के महापर्व छेरछेरा त्यौहार की बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।

उन्होंने अपने संदेश में कहा है कि  मेहनतकश किसानों के इस पर्व में किसानों की कर्ज माफी और ढाई हजार रूपए प्रति क्विंटल पर धान खरीदी के फैसले ने खुशियों के नए रंग भर दिए हैं।

छत्तीसगढ़ के ग्रामीण जन-जीवन से जुड़ा यह लोकपर्व भारतीय समाज में दानशीलता की गौरवशाली परम्परा की याद दिलाता है।

कृषि प्रधान छत्तीसगढ़ में यह पर्व नई फसल के खलिहान से घर आने पर उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है।

फसलों कटाई हा जाती है और घरों में अनाज के भण्डार इकट्ठे हा जाते हैं। सभी ओर चेहरे पर उमंग और उत्साह दिखाई देता है।

गांवों और शहरों  में बच्चों की टोलियां द्वार-द्वार जाकर छेरछेरा, माई कोठी के धान ल हेरहेरा की पुकार लगाकर अन्नदान का आग्रह करते हैं।

दानशीलता के इस महापर्व में बड़े-बुजुर्ग स्नेह के साथ बच्चों को धान, चांवल सहित नगद राशि भी देते हैं।