भोपाल, 24 अप्रैल (जनसमा)। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि गरीब मजदूरों को मनरेगा की मजदूरी का समय-सीमा में भुगतान बैंकों की प्राथमिकता में हो। इसी तरह सामाजिक सुरक्षा पेंशन के हितग्राहियों को उनके गाँव में ही पेंशन उपलब्ध करवायें। किसानों को समर्थन मूल्य पर गेहूँ के उपार्जन का भुगतान समय-सीमा में हो। किसानों को अपने खाते से राशि निकालने में किसी तरह की दिक्कत नहीं हो। इसके लिये सहकारी बैंकों में नगदी की आवक बनाये रखें। शिवराज सोमवार को यहाँ बैंकर्स की बैठक ले रहे थे।
चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना न्यू इंडिया के निर्माण का है। जिसमें सीधे खातों में भुगतान और कैशलेस व्यवस्था प्राथमिकता में है। मध्यप्रदेश इस दिशा में लगातार कार्रवाई कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की बैंकों में नगदी की आवक का प्रतिशत बढ़ाकर 70 प्रतिशत किया जाये। इस संबंध में रिजर्व बैंक के स्तर पर कार्रवाई की जाये। किसानों के चेक क्लियरिंग में अधिक समय नहीं लगे। उन्होंने स्थिति की नियमित समीक्षा के लिये राज्य शासन की ओर से तीन वरिष्ठ अधिकारियों अपर मुख्य सचिव वित्त ए.पी. श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास आर.एस. जुलानिया और मुख्यमंत्री के सचिव विवेक अग्रवाल की समिति गठित करने के निर्देश दिये।
शिवराज ने कहा कि बैंक बिजनेस प्रतिनिधि की व्यवस्था को मजबूत बनायें, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भुगतान की व्यवस्था बेहतर हो। बिजनेस प्रतिनिधि के लिये निर्धारित कैश लिमिट बढ़ाने की कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री आवास मिशन के प्रकरणों के लिये मापदंडों में सुधार करें ताकि इसका लाभ पात्र हितग्राहियों को मिले। मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना तथा मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में ऐसे बेरोजगार युवाओं को लाभ दिलायें, जो खुद का उद्योग स्थापित करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना में हितग्राहियों को आसानी से ऋण उपलब्ध करवायें। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से लाभान्वित हितग्राहियों का थर्ड पार्टी असेसमेंट करायें।
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