Farmers

किसानों से जिस दिन उपज की खरीद हो उसी दिन भुगतान किया जाए

राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसानों (Farmers) से जिस दिन उनके उपज की खरीद की जाए उसी दिन भुगतान (Payments) सुनिश्चित किया जाए।
सरकार ने  कृषि मंडी सचिवों को निर्देश दिए कि किसानों से उपज खरीद हेतु यदि कोई व्यापारी लाईसेंस लेना चाहता है तो तीन दिन में लाईसेंस जारी किया जाए।
राज्य में 1 हजार प्रोसेसिंग यूनिट कार्य कर रही है। इन सभी यूनिट को किसानों से उपज खरीद के लिए लाईसेंस जारी किए जाएंगे।
समर्थन मूल्य पर कोटा संभाग में गेहूं, सरसों एवं चना की खरीद 16 अप्रेल से प्रारंभ की जाएगी। शेष राजस्थान में 1 मई से समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू की जाएगी।
किसानों (Farmers) को अपने खेत के नजदीक ही उपज बेचान का केन्द्र मिले इसके लिए खरीद केन्द्रों की संख्या बढाई गई है।
पूर्व में 279 केन्द्र समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए खोले गए थे। अब 388 और नए खरीद केन्द्रों को खोला गया हैं। जिसकी मेंपिग का कार्य चल रहा है। सीसीबी के प्रबंध निदेशकों को निर्देश दिए कि घोषित निजी गौण मंडियों को ऋण की आवश्यकता होने पर तुरन्त उपलब्ध करवाये।
प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता एवं कृषि नरेश पाल गंगवार ने कहा कि निजी गौण मंडी के रूप में घोषित 488 सहकारी समितियां (420 ग्राम सेवा सहकारी समितियां एवं 68 क्रय-विक्रय सहकारी समितियां) एक सप्ताह के भीतर क्रियाशील हो जाए यह सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे किसानों (Farmers) से सीधी खरीद हो सके।
गंगवार शनिवार को कृषि पंत भवन में किसानों से उपज खरीद, मंडियों के संचालन खरीफ 2020 की तैयारी, फसल कटाई सहित अन्य मुद््दों पर कृषि, सहकारिता, कृषि विपणन, राजफैड एवं हार्टिकल्चर से पंचायत समिति स्तर तक के अधिकारियों की संयुक्त वीडियों कान्फ्रेसिंग को संबोधित कर रहे थे।
मंडी सचिवों को निर्देश दिए कि खरीद के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग एवं अन्य सुरक्षात्मक उपायों का पूरा ध्यान रखा जाये तथा खरीद के लिए स्थानीय व्यापारियों के साथ बैठक आयोजित कर कम संख्या में किसानों (Farmers) को मंडी परिसर में बुलाया जाये।
उन्होंने कहा कि शीघ्र ही कृषि उपज मंडियो में इंजीनियर्स की ड््यूटी को लगाने के आदेश जारी किए जाएंगे, जो मंडियों में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सेनेटाईजर चेम्बर एवं अन्य सुरक्षात्मक उपाय में सहयोग करेंगे।
मंडी प्रांगण में पानी की टंकी के साथ हाथ धोने के साबुन की पर्याप्त व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कृषि मंडी को 5-5 लाख रूपये का बजट उपलब्ध कराया गया है। आवश्यकता होने पर और बजट उपलब्ध कराया जायेगा।
कृषि आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कृषि (Agriculture) से जुडी गतिविधियों को छूट मिली हुई है।
उन्होंने कहा कि खरीफ का सीजन प्रारंभ हो गई है तथा बीज एवं खाद की समस्या किसानों को नही आए इसके लिए संबंधित दुकाने खुली रहे यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि खाद की पर्याप्त आपूर्ति हो।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर टीएडी क्षेत्र में पांच लाख मक्के के किट एवं राज्य में लघु एवं सीमान्त किसानों को 10 लाख बाजरे के किट प्रदान किए जाएंगे। उन्होने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का संयुक्त सर्वे शीघ्र करवाने के निर्देश दिए।
प्रबंध निदेशक, राजफैड,  ने कहा कि समर्थन मूल्य पर सरसों एवं चने के बेचान के लिए 2 लाख 40 हजार किसानो (Farmers) द्वारा पंजीकरण कराया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि 1 मई से पुनः पंजीयन प्रारंभ किया जाएगा।
खरीद के दौरान बारदाने की समस्या उत्पन्न नही हो इसके लिए सभी क्षेत्रीय अधिकारी एक सप्ताह पूर्व बारदाने का आंकलन कर राजफैड को भिजवायें ताकि समय पर व्यवस्था हो सके।
खरीद के दौरान वेयर हाउस रिसिप्ट का ध्यान रखे जिससे किसानों को शीघ्र भुगतान हो सके।