काठमांडू, 18 नवंबर | भारत में नोटबंदी से नेपाल के सीमावर्ती इलाकों के लोग प्रभावित हुए हैं, क्योंकि अधिकांश लोगों को 500 और 1000 रुपये मूल्य की भारतीय मुद्रा बदलने में परेशानी हो रही है। दैनिक समाचार पत्र ‘द हिमालयन टाईम्स’ के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नोटबंदी का निर्णय नेपाल के सुदूर पश्चिमी इलाके के अधिकांश परिवारों के लिए चिंता का एक कारण है, क्योंकि पहाड़ के युवक काम करने के लिए भारत जाते हैं और उनके पास अमान्य घोषित नोट मौजूद हैं।
नेपाल के बजूरा जिले के तेज बहादुर सिंह के पास 500 और 1000 रुपये मूल्य के कुल 50,000 रुपये हैं।
उन्होंने कहा, “यह मेरे बेटे की कुल बचत पूंजी है, जो भारत में सुरक्षा गार्ड का काम करता है। वह कुछ जमीन खरीदने के लिए पैसा जमा कर रहा है, लेकिन जब मैंने सुना कि ये नोट नहीं स्वीकार किए जाएंगे, तब से मैं चिंतित हूं।”
बरहाबिसा जिले के टेक बहादुर शाही के अनुसार, शहर के एक गांव में अमान्य घोषित नोटों में 40 लाख रुपये की राशि होने का अनुमान लगाया गया है।
नोटबंदी से सीमावर्ती सभी नौ जिले और करनाली के पांच जिले प्रभावित हैं।
नेपाल की हुमला कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) की जिला कमेटी के सदस्य देबाचू सरकी ने कहा कि स्थानीय व्यापारी अमान्य भारतीय नोटों से नेपाली मुद्रा बदल रहे हैं।
बजूरा के वाणिज्य बैंक की शाखा के एक वरिष्ठ सहायक जीतजंग सिंह के अनुसार, इन दिनों अधिकांश लोग अपने भारतीय नोट बदलने के लिए लगातार बैंक आ रहे हैं।
उन्होंने कहा, “नेपाल राष्ट्र बैंक कूटनीतिक पहल कर रहा है। मैं समझता हूं कि कुछ दिनों में कुछ परिणाम जरूर निकलेगा।” –आईएएनएस
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