नई दिल्ली, 21 मार्च। “सत्ता में बैठे लोगों का संसाधनों पर एकाधिकार है, मीडिया पर उनका एकाधिकार है। सत्तारूढ़ दल का आईटी, ईडी, चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक और न्यायिक संस्थाओं पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण है।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह बात आज लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के अलावा सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अजय माकन भी उपस्थित थे। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस विशेष रूप से बीजेपी सरकार द्वारा कांग्रेस के बैंक खातों को फ्रीज़ किये जाने को लेकर की गई थी।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद चुनावी बांड के तथ्य सामने आये, जो बेहद चिंताजनक है। इससे हमारे देश की छवि को ठेस पहुंची है। हमारे देश ने पिछले 70 वर्षों में जो निष्पक्ष चुनाव और स्वस्थ लोकतंत्र बनाया था, उस पर प्रश्नचिह्न लग गया है।
उन्होंने कहा कि गैरकानूनी और असंवैधानिक योजना के तहत सत्ताधारी दल ने अपने खाते में 6 हजार करोड़ से अधिक रुपये जमा कराये। दूसरी ओर साजिश कर मुख्य विपक्षी दल के बैंक खाते फ्रीज कर दिये गये हैं, ताकि पैसे के अभाव में हम चुनाव नहीं लड़ सकें. इस तरह कभी भी स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकेंगे।
उन्होंने कहा कि चुनावी बांड के अलावा बीजेपी के पास आने वाले किसी भी नकदी का कोई हिसाब नहीं है। जगह-जगह उनके विज्ञापनों के पोस्टर लगे हुए हैं। अखबार, टीवी, रेडियो, इंटरनेट, हर दिन करोड़ों रुपये की बड़ी-बड़ी रैलियां और रोड-शो हो रहे हैं। देश के हर जिले में 5 स्टार बीजेपी कार्यालय बनाए गए हैं। पैसा कहां से आया? क्या ये सब बिना पैसे के होता है?
राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा कि पैसे की कमी के कारण पार्टी नेताओं को दूसरे शहरों में नहीं भेजा जा सकता। रेल टिकट भी नहीं खरीद सकते।
राहुल गांधी ने कहा एक महीने पहले हमारे सभी बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए थे। कोई अदालत नहीं, किसी ने कुछ नहीं कहा। भारत के 20 फीसदी लोग हमें वोट देते हैं और हम मजदूरों को दो रुपये भी नहीं दे सकते। हमारे नेता यात्रा नहीं कर सकते। हम विज्ञापन नहीं कर सकते। मामला 14 लाख रुपये का है। उन्होंने हम पर 200 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। यह लोकतंत्र नहीं है।
राहुल ने कहा कि यह एक आपराधिक कृत्य है, जो प्रधानमंत्री कर रहे हैं। कोर्ट और चुनाव आयोग कुछ नहीं बोल रहे. ये सब कांग्रेस को कमजोर करने के लिए किया जा रहा है। न केवल बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र भी फ्रीज कर दिया गया है।
अजय माकन
पार्टी कोषाध्याक्ष अजय माकन ने कहा कि पार्टी चुनावी पर्चे छपवाने की स्थिति में नहीं है। वे चुनाव से पहले हमें असहाय बनाना चाहते हैं।
अजय माकन ने कहा, यह भारत के लोकतंत्र पर हमला है। कांग्रेस अपने फंड का इस्तेमाल नहीं कर सकती। सीताराम केसरी के ज़माने के 30-35 साल पुराने मामले खोले जा रहे हैं। हम अपने बैंक में जमा 285 करोड़ रुपये का इस्तेमाल नहीं कर सकते। प्रचार के लिए पैसे की जरूरत होती है. लेकिन पैसे नहीं निकाल सकते।
माकन का कहना था कि वर्ष 1994-95 के मामले का नोटिस हमारे पास आया। आयकर अधिकारियों ने हमारे खातों से जबरन 115 करोड़ रुपये बैंकों से स्थानांतरित कर दिए हैं। आयकर विभाग की 14.40 लाख रु की कुल रकम है जो स्कैनिंग के दायरे में है और जुर्माना 110 प्रतिशत से ज्यादा है। हम इस नोटिस की टाइमिंग पर सवाल उठा रहे है। 30 साल पुराने मूल्यांकन से जुड़ा मुद्दा अब उठाया जा रहा है।
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