नई दिल्ली, 04 जुलाई (जनसमा)। जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के 1 जुलाई, 2017 से लागू होने के कारण कुछ ऐसे मामले सामने आ सकते हैं जिनके तहत पहले से पैक वस्तु के खुदरा बिक्री मूल्य में तब्दीली करने की जरूरत पड़ेगी।
इस संदर्भ में केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खादय एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने पहले से पैक वस्तुओं के निर्माताओं अथवा पैकरों या आयातकों को 1 जुलाई, 2017 से पहले के अनबिके निर्मित/पैक/आयातित स्टॉक के खुदरा बिक्री मूल्य (एमआरपी) में तीन माह तक अर्थात 1 जुलाई, 2017 से लेकर 30 सितंबर 2017 तक बदलाव करने की अनुमति दे दी है।
जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स में वृद्धि, यदि कोई हो, को संबंधित वस्तु के वर्तमान खुदरा बिक्री मूल्य (एमआरपी) में जोड़ने के बाद यह तब्दीली की जा सकती है। परिवर्तित खुदरा बिक्री मूल्य (एमआरपी) की घोषणा मुद्रांकन, स्टीकर डालकर या ऑनलाइन छपाई के जरिए करनी होगी।
यह भी स्पष्ट किया गया है कि अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) घटाने के लिए संशोधित कम एमआरपी (सभी करों सहित) वाले स्टीकर को चिपकाया जा सकता है और पैकेज के लेबल पर निर्माता अथवा पैकर द्वारा घोषित एमआरपी का उल्लेख नहीं करना होगा।
आवश्यक संशोधन करने के बाद वैसी पैकिंग सामग्री/रैपर का भी इस्तेमाल 30 सितंबर, 2017 तक करने की अनुमति दी गई है जिसका उपयोग अब तक नहीं किया जा सका है।
- सरकार सदा ही उपभोक्ता संरक्षण पर विशेष जोर देती रही है।
- पहले से पैक वस्तुओं के नियमन के लिए कानूनी मापविद्या (डिब्बाबंद वस्तु) नियम, 2011 तैयार किए गए हैं। इन नियमों के तहत नियम संख्या 6 में इस बात का उल्लेख किया गया है कि हर पैकेट पर निम्नलिखित घोषणाएं अंकित होंगी :
- निर्माता/पैकर/आयातक का नाम एवं पता
- पैकेट के अंदर शामिल वस्तु का आम अथवा सामान्य नाम
- भार अथवा माप या संख्या की मानक इकाई के लिहाज से विशुद्ध मात्रा
- निर्माण/पैकिंग/आयात का महीना एवं साल
- अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) के रूप में खुदरा बिक्री मूल्य रुपये में… सभी करों सहित
- उपभोक्ता सेवा से जुड़ा विवरण