शिमला,16 मई (जनसमा)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि विपक्ष का यह तात्पर्य नहीं है कि आप हमेशा दूसरों का उपहास करते रहें। उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा नेता दूसरों की आलोचना व उपहास करते हैं। उन्होंने कहा कि जब कभी भी भाजपा नेता विपक्ष में किसी का उल्लेख करते हैं, तो हमेशा ज़हर उगलते हैं। दूसरों को बुरा-भला कहना उनकी आदत बन चुकी है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति का व्यक्तित्व अथवा बोले गए शब्द उसकी संगत को दर्शाते हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य के भाजपा नेताओं को अशिष्ट व अप्रिय माहौल में रहने की आदत है जिस कारण वे हमेशा ही कड़वा बोलते हैं।
वीरभद्र मंगलवार को सोलन जिला के अर्की में एक विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए दाड़लाघाट में कॉलेज खोलने की घोषणा की। उन्होंने अर्की में मौजूदा 50 बिस्तरों के अस्पताल में बिस्तर क्षमता के विस्तार की भी घोषणा की।
उन्होंने कहा कि अर्की में हाल ही में लगभग 17 निर्वाचन सभा क्षेत्रों के भाजपा कार्यकर्ताओं की एक बैठक हुई थीं, लेकिन आज जन सैलाब कहीं अधिक था, जो लोगों की ताकत और कांग्रेस के नेतृत्व में उनके विश्वास का संकेत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक सांझा मंच है और यहां प्रत्येक का शानदार तरीके से स्वागत किया जाता है। हालांकि, अर्की के लोगों ने पिछले लगभग 10 वर्षों से भाजपा विधायक को चुना है, फिर भी हमारी सरकार ने विकास को लेकर क्षेत्र विशेष से कभी भेदभाव नहीं किया है। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा के मुख्यमंत्री होते, तो वह विपक्ष के विधायक वाले क्षेत्र को एक भी पैसा आवंटित नहीं करते।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा नेता उनकी पत्नी की अकारण आलोचना करने से भी गुरेज नहीं करते हैं। शायद उनके पास आलोचना के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं रह गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां कहीं से भी वह चुनाव लड़ेंगे, वह निश्चित रूप से सभी क्षेत्रों का सम्मान करेंगे और अर्की के विकास को विशेष तरजीह देंगे क्योंकि पूर्व में कहीं न कहीं इस क्षेत्र की अनदेखी हुई है।
मुख्यमंत्री ने सभी कांग्रेसजनों से विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए एकजुट होने की अपील की। उन्होंने प्रसन्नता जाहिर की कि अर्की में पार्टी के लोग एकजुट हैं और आशा की कि वे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार की विजय के लिए इसी एकजुटता का प्रदर्शन करेंगे।
उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि बेहतर शासन में हिमाचल प्रदेश को छोटे राज्यों में पहला स्थान प्राप्त हुआ है। राज्य को यह उपलब्धि सार्वजनिक मामले सूचकांक-2017 पर आधारित सर्वेक्षण के तहत प्राप्त हुई है।
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