इम्फाल, 13 नवंबर | मणिपुर में दो नए जिलों के गठन के खिलाफ संयुक्त नागा परिषद (यूएनसी) द्वारा की गई अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी के मद्देनजर रविवार को एक लीटर पेट्रोल 300 रुपये में बिक रहा है। इस नाकेबंदी के बाद से राज्य में सभी पेट्रोल पंप सूखे पड़े हैं।
असम में विभिन्न स्थानों पर फंसे मणिपुर की ओर जाने वाले ट्रकों और तेल टैंकरों की निकासी के लिए कदम उठाया जा रहा है।
मणिपुर सरकार ने यूएनसी द्वारा समर्थित 48 घंटे की हड़ताल और नाकेबंदी की अनदेखी की। इसके बाद नागा संगठनों ने आंदोलन तीव्र करने का फैसला किया।
उन्होंने विभिन्न वर्गो से नाकेबंदी को वापस लेने की अपील अनसुनी कर दी।
मुख्य सचिव नबाकिशोर ने कहा, “कुछ स्वयंसेवी संगठनों को नाकेबंदी नहीं करनी चाहिए। हम उनसे नाकेबंदी खत्म करने की अपील करते हैं।”
मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह ने कहा, “सशस्त्र पुलिसबल फंसे हुए ट्रकों और तेल टैंकरों को निकाल रहे हैं।”
इनमें से कई ट्रक और तेल टैंकर तो एक नवंबर से ही खड़े हैं।
इस बीच सीमेंट से भरे एक ट्रक में शनिवार रात को आग लगा दी गई।
महिला कार्यकर्ताओं ने इम्फाल से नागा बहुल इलाकों में जाने वाले विभिन्न सामानों के परिवहन को प्रतिबंधित कर दिया।
मणिपुर में पेट्रोल, डीजल, केरोसिन और एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध नहीं हैं।
जरूरी सामानों की कीमतें आसमान छू रही हैं। कई उपभोक्ता सामान बाजारों से नदारद हैं।
जिरीबम और सदर हिल्स क्षेत्रों के लोग नए जिलों की स्थापना के लिए सरकार पर दबाव बना रहे हैं जिससे आंदोलन तेज हो गया है। –आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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