Exhibition

बौद्ध संत भन्ते कुशोक बाकुला रिनपोचे पर फोटो प्रदर्शनी

दूरदर्शी बौद्ध संत भन्ते पूज्य कुशोक बाकुला रिनपोचे पर फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन नई दिल्ली के इंदिरा राष्ट्रीय कला केंद्र में 20 दिसम्बर, 2017 को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगोलिया के राजदूत गोनचिंग गैनबोल्ड की उपस्थिति में किया।

यह प्रदर्शनी आधुनिक लद्दाख के निर्माता भन्ते कुशोक बाकुला की जन्म शताब्दी मनाने के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय केंद्र की पूर्व एशिया कार्यक्रम इकाई द्वारा आयोजित की गई है। सर्व साधारण के लिए यह प्रदर्शनी 20 दिसंबर से 31 दिसम्बर, 2017 तक खुली रहेगी।

किरेन रिजिजू ने उद्घाटन समारोह में कहा कि भन्ते बाकूला रिनपौचे सक्रिय भिक्षु थे उन्होंने शांति के लिए कार्य किया और विश्व के विभिन्न भागों में भगवान बुद्ध की शिक्षा का प्रसार किया। भन्ते रिनपोचे विश्व शांति पर्यावरण संरक्षण तथा अंतर-मत संवाद के लिए काम करने वाले अनेक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से जुड़े रहे।

रिजिजू ने कहा कि अधिनायकवादी साम्यवादी शासनों द्वारा बौद्धिक स्वतंत्रता से वंचित किए गए विभिन्न देशों के लोगों में धर्म की ज्योति जलाने में भन्ते रिनपोचे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मंगोलिया, रूस तथा चीन सहित अनेक देशों में बौद्ध मत को पुनर्जीवित करने के उनके कार्यों से साबित होता है कि भन्ते बाकुला रिनपोचे महान विभूति थे।

इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर मामले के विशेषज्ञ जम्मू-कश्मीर अध्ययन के पूर्व संयोजक अरुण कुमार, अशोका मिशन के भन्ते लामा लोबजांग तिब्बत हाउस के निदेशक गेशे दोरजी दामदुल, महामहिम दलाई लामा के विशेष प्रतिनिधि तेन्पा सेरिंग, संसद सदस्य (लद्दाख) थाप्सन चेवांग, आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी उपस्थित थे।

रिनपोचे के कार्यों का स्मरण करते हुए सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र इस प्रदर्शनी के माध्यम से रिनपोचे के कार्यों के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त करता है। हम पूरे देश में उनके कार्यों को प्रदर्शनी के माध्यम से जनता तक ले जाने की योजना बना रहे हैं।

अरुण कुमार ने कहा कि रिनपौचे जी धार्मिक गुरु और महान समाज सुधारक थे।