राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन] गंगा प्रदर्शनी और गंगा संग्रहालय की स्थापना करने की योजना बना रहा है।
इस संग्रहालय में गंगा नदी का इतिहास, इसकी पौराणिकता, नदी पर करोड़ों लोगों की आजीविका के लिए आश्रित होना तथा गंगा संरक्षण विषयों को दर्शाया जाएगा।
गंगा संग्रहालय तैयार करने के लिए 29 और 30 नवंबर, 2018 को आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला में भारत तथा यूरोपीय संघ के विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं।
इस कार्यशाला में संग्रहालय क्षेत्र के भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर के लगभग 35 विशेषज्ञ तथा जल संसाधनए नदी विकास, गंगा संरक्षण, कला व संस्कृति व भारत वन्य जीवन संस्थान के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
यह कार्यशाला भारत-जर्मनी विकास सहयोग कार्यक्रम का हिस्सा है।
गंगा संरक्षण मंत्रालय के सचिव यू पी सिंह ने कहा कि गंगा संग्रहालय नदी के सभी आयामों को चित्रित करेगा। जैसे पौराणिक व आध्यात्मिक महत्व, नदी को संरक्षित करने के प्रयास, तटों पर होने वाली आर्थिक गतिविधियां तथा जैव विविधता और मछलियों, कछुओं व डॉल्फिनों समेत जलीय जीवन को चित्रित करेगा।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के विचारों से गंगा संग्रहालय की संकल्पना समृद्ध होगी।
कार्यशाला में व्यक्त विचारों को एक पुस्तिका का रूप दिया जाएगा जो गंगा संग्रहालय और प्रदर्शनी की स्थापना में मार्गदर्शक की भूमिका निभाएगा।
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